Delhi Sealing News: सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से दिल्ली के लाखों लोगों को मिली राहत

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नई दिल्ली, : सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित निरीक्षण समिति के अधिकारों को स्पष्ट किए जाने के बाद समिति के आदेश पर सील (बंद) की गई संपत्तियों को डी-सील (मुक्त) करने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वे लाखों लोग राहत महसूस कर रहे होंगे, जिनकी संपत्तियां सीलिंग के दायरे में थीं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में निरीक्षण समिति गठित की थी। समिति ने दिल्ली के सभी स्थानीय निकायों को सीलिंग के आदेश दिए थे। इन्हीं आदेशों के तहत रिहायशी क्षेत्रों की करीब 6 हजार संपत्तियों को अवैध निर्माण या अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) की वजह से सील किया गया था।

अदालत की तरफ से निरीक्षण समिति के अधिकारों को स्पष्ट करने के फैसले पर व्यापारी नेता व दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि रिहायशी मकानों का निर्माण वैध है या अवैध यह देखना निरीक्षण समिति का काम नहीं। इससे दिल्ली में रिहायशी मकानों को डी-सील करने की प्रक्रिया आगामी तीन दिन में शुरू हो सकेगी।

वहीं, आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल ने कहा ”हम सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का स्वागत करते हैं, हमारी तो पहले से ही मांग थी कि दिल्ली में निरीक्षण समिति की कोई जरूरत ही नहीं हैं। इसे भंग कर देना चाहिए, क्योंकि समिति को दिल्ली की जमीनी हकीकत का पता नहीं है।” दिल्ली में बहुत सी रिहायशी संपत्तियों को इसलिए सील कर दिया गया था कि वहां पार्किंग के स्थान कुछ निर्माण कर लिया गया था या फिर फ्लोर पर अतिरिक्त कमरे बना लिए गए थे।

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