एमपी में किसान आंदोलन का असर: मुरैना से ग्वालियर तक हाइवे जाम, वाहनों की लगी कतारें

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दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का असर चंबल में भी दिखा। ग्वालियर-चंबल के किसान आंदोलन में शरीक तो नहीं हुए, लेकिन शुक्रवार को राजस्थान बॉर्डर से लेकर मुरैना और बानमोर से ग्वालियर तक हाइवे पर जाम लग गया है। देर शाम जाम तो खुल गया, परंतु टोल पर वाहनों की पहुंचने पर स्थिति बिगड़ गई। कई एंबुलेंस तक यहां फंसी नजर आई।

आगरा में सैंया-मनियां में किसानों के जाम के कारण हाइवे पर रोका दिल्ली की ओर जाने वाला ट्रैफिक

किसान कानून के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में राजस्थान-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर आगरा के सैंया-मनिया में समाजसेविका मेधा पाटकर के साथ किसान हाइवे पर बैठ गए। इस कारण आगरा-दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को मुरैना से ग्वालियर और ग्वालियर से सरायछौला चंबल पुल के बीच रोक दिया गया है।


थमे वाहनों के पहिये

सुबह से थमे वाहनों के पहियों के कारण हाइवे पर जाम लग गया है। मुरैना-बानमोर-ग्वालियर के बीच कई किलोमीटर लंबी वाहनों की कतार नजर आ रही है तो इधर सरायछौला से मुरैना और दूसरी ओर चंबल पुल की ओर तीन से चार किलोमीटर लंबी वाहनों की कतार लग गई। मुरैना एसपी अनुराग सुजानिया ने मुरैना-बानमौर और ग्वालियर बॉर्डर तक का निरीक्षण किया, जहां आगरा-दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को रोका गया है। स्थानीय यातायात बाधित न हो, इसके लिए पुलिस जवानों ने बड़े वाहनों को एक साइड में लगवाया।


नैरोगेज की रेल पटरियों पर दौड़ने लगे ऑटो-बाइक

बानमौर से रायरू के बीच सैकड़ों बाइकसवार से लेकर सवारी और सामान से भरे ऑटो व अन्य मिनी लोडिंग वाहन ग्वालियर-श्योपुर नैरोगेज ट्रेन की पटरियों के किनारे और रेलवे ट्रैक पर चलते नजर आए। नैरोगेज ट्रेन मार्च से बंद है। इस कारण रेलवे ट्रैक पर दिनभर वाहन दौड़कर शॉर्टकट रास्ते तलाशते रहे।

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