ग्वालियर में अमित शाह का क्यों है खास फोकस ? एक महीने में दूसरी बार आएंगे मध्य प्रदेश के दौरे पर

6

इस बार बीजेपी मध्य प्रदेश पर खास फोकस कर रही है. गुरुवार को पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है. इस बीच खबर है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को मध्य प्रदेश के दौरे पर रहेंगे. यहां वे शिवराज सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करेंगे और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र ग्वालियर में बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस बाबत जानकारी पार्टी के एक पदाधिकारी ने दी है.

प्रदेश बीजेपी के एक नेता ने कहा कि अमित शाह 20 अगस्त को सुबह यहां (भोपाल) आएंगे और शिवराज सिंह चौहान सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करेंगे. इसके बाद वह ग्वालियर के लिए रवाना होंगे जहां वह बीजेपी कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे और संबोधित करेंगे. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों और महासचिवों को ग्वालियर पहुंचने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि लगभग 1,200 पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया गया है. मध्य प्रदेश में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.

13081 pti08 13 2023 000225a
amit shah in mp

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, बीजेपी ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास कर रही है. ग्वालियर में पिछले वर्ष 57 साल बाद महापौर का चुनाव कांग्रेस से हारने के बाद बीजेपी इस इलाके में अपना आधार बढ़ाना चाहती है. एक महीने से भी कम समय में अमित शाह का राज्य का यह दूसरा दौरा होगा. इसके पहले 30 जुलाई को शाह ने इंदौर जिले का दौरा किया था, जहां उन्होंने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की 34 में से 26 सीट जीतीं थी कांग्रेस ने

यहां चर्चा कर दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की 34 में से 26 सीट जीतीं, तब ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया कांग्रेस में थे. सिंधिया के अपने वफादारों के साथ बीजेपी में चले जाने के बाद, नवंबर 2020 में ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में हुए उपचुनावों में कांग्रेस 19 में से सिर्फ सात सीट जीत सकी थी. एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा कि पिछले साल ग्वालियर में महापौर के चुनाव में झटका लगने के बाद अब बीजेपी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती.

amit shah

ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस का भी खास ध्यान

कांग्रेस के ग्वालियर-चंबल में फोकस करने की वजह आइए जानते हैं. दरअसल, कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव हों या 2020 का उपचुनाव या फिर नगर निकाय और पंचायत चुनाव, इन सभी फॉर्मेट के चुनाव में कांग्रेस को जनता का जबरदस्त समर्थन प्राप्त हुआ था. 2018 के चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल के 8 जिलों की कुल 34 सीटों में 26 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. वहीं बीजेपी को 7 और बसपा को एक सीट मिली पिछले चुनाव में मिली थी. केवल चंबल संभाग के तीन जिलों की 13 सीटों में 10 कांग्रेस के खाते में आयी थीं. इस जीत के बाद कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थी.

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ज्यादा सीट जीतना कांग्रेस का मकसद

2020 के उपचुनाव में भी कांग्रेस ने पूरा दम दिखाया. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर उपचुनाव कराये गये, जिसमें सात सीट कांग्रेस के खाते में आयी थीं. 2018 के नतीजों को दोहराने और सिंधिया को रोकने के लिए गोविंद सिंह का कद कांग्रेस ने बढ़ाया. गोविंद को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय के खेमे का बताया जाता है.

कांग्रेस ने 2022 के नगर निकाय चुनाव में शानदार प्रदर्शन इस क्षेत्र में किया. ग्वालियर- चंबल में जबरदस्त परफॉर्म करते हुए कांग्रेस ने सत्ताधारी बीजेपी के मजबूत किले को धराशायी कर दिया. खास बात यह रही कि ग्वालियर में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता ना होने के बाद भी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया और अपना मेयर बनाने में सफलता पायी. ग्वालियर की जीत का श्रेय विधायक सतीश सिकरवार को दिया जाता है, जिनकी पत्नी शोभा सिकरवार मेयर के पद पर आसीन हैं. ग्वालियर में 57 साल बाद नगर निगम के चुनाव में बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन किया.

13081 pti08 13 2023 000216a
amit shah in madhya pradesh

सिंधिया ने कर दी थी कांग्रेस से बगावत

यदि आपको याद हो तो कांग्रेस सरकार से नाराज से चल रहे विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में सामूहिक इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गयी थी. इनमें ग्वालियर संभाग के 9 विधायक शामिल थे. ये विधायक कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये थे. विधायकों ने इस्तीफे दिए तो नवंबर 2020 में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव कराये गये. पिछली बार कांग्रेस के लिए वोट मांगने वाले सिंधिया इस बार बीजेपी के पक्ष में लोगों से मतदान करने की अपील करते नजर आ रहे हैं. अब देखना है कि उनकी अपील का लाभ बीजेपी को कितना मिलता है.

Source link

Get real time updates directly on you device, subscribe now.