26/11 मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा कब आएगा भारत? फैसला करेंगे अमेरिकी विदेश मंत्री

8

न्यूयॉर्क/ नई दिल्ली : 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के संबंध में अमेरिका की एक अदालत ने अपनी अनुमति दे दी है, लेकिन उसे भारत भेजने की कार्रवाई कब शुरू होगी? इस पर फैसला अमेरिका के विदेश मंत्री को करना है. अदालत ने अपने 48 पन्नों के आदेश में कहा है कि तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने संबंधी कार्रवाई अमेरिका के विदेश मंत्री करेंगे. सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि इस तरह की समीक्षा और यहां चर्चा किए गए कारणों के आधार पर अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है और अमेरिका के विदेश मंत्री को प्रत्यर्पण की कार्रवाई के लिए अधिकृत करती है.

भारत की सबसे बड़ी जीत

अमेरिका की एक संघीय अदालत ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए सहमति दे दी है, जो भारत के लिए एक बड़ी कानूनी जीत है. भारत सरकार 2008 के मुंबई आतंकी हमले में संलिप्तता के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रही थी. अदालत का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा से एक महीने पहले आया है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने मोदी को इस राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया है. जो बाइडन एवं अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन 22 जून को उनके सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन करेंगे.

कोर्ट ने जारी किया 48 पन्नों का आदेश

सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने बुधवार को 48 पन्नों का आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत 62 वर्षीय राणा को भारत प्रत्यर्पित करना चाहिए. आदेश में कहा गया है कि अदालत ने इस अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और उन पर विचार किया है और सुनवाई में प्रस्तुत दलीलों पर विचार किया है.

कार्रवाई करेंगे अमेरिकी विदेश मंत्री

अदालत के आदेश में कहा गया है कि इस तरह की समीक्षा और यहां चर्चा किए गए कारणों के आधार पर अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है और अमेरिका के विदेश मंत्री को प्रत्यर्पण की कार्रवाई के लिए अधिकृत करती है. तहव्वुर राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस की जेल में है. आदेश में कहा गया है कि अदालत राणा के प्रत्यर्पण को तब तक प्रमाणित नहीं कर सकती थी, जब तक कि यह मानने का संभावित कारण न हो कि उसने उस अपराध को अंजाम दिया है, जिसके लिए प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जा रहा है. अदालत के आदेश में कहा गया है कि इसलिए अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि तहव्वुर राणा ने उन अपराधों को अंजाम दिया है, जिनके लिए उसके प्रत्यर्पण की मांग की गई है तथा अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए.

10 जून, 2020 को भारत ने दर्ज कराई थी शिकायत

10 जून, 2020 को भारत ने प्रत्यर्पण की दृष्टि से तहव्वुर राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी. विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम यह कह सकते हैं कि दुनियाभर में हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम भारत के साथ अपने आतंकरोधी संबंध को अत्यधिक महत्व देते हैं. हम 2008 के मुंबई हमलों में शामिल साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में खड़ा करने का आह्वान करते रहेंगे.

Source link

Get real time updates directly on you device, subscribe now.