दुनिया के 1 फीसदी सबसे अमीरों में होने के लिए कितने पैसों की पड़ेगी जरूरत, जानते हैं?

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नई दिल्ली : ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि अमीर होने का मतलब एक अच्छा घर, एक महंगी कार, ऐशो-आराम और अन्य संपत्तियां होना है, लेकिन दुनिया के सबसे धनी एक फीसदी लोगों की श्रेणी में शामिल होने के लिए हमारे पास कितने पैसे होने चाहिए, यह हमारी कल्पना से कहीं अधिक है. संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक ने एक संपत्ति रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि विभिन्न देशों में सबसे अमीर एक फीसदी की श्रेणी में शामिल होने के लिए किसी व्यक्ति की जेब कितनी भारी होनी चाहिए.

अमीर बनने के लिए भारत में कितने पैसों की जरूरत

मोनाको नाइट फ्रैंक की सूची में सबसे ऊपर है. नाइट फ्रैंक के शोध के अनुसार, मोनाको के सबसे अमीर 1 फीसदी की श्रेणी में शामिल के लिए कम से कम 12.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत है. अब अगर भारत की बात की जाए, तो कंपनी की रिपोर्ट में भारत उन 25 देशों की सूची में शामिल है, जहां 1 फीसदी अमीरों की श्रेणी में शामिल होने के लिए कम से कम 175,000 डॉलर यानी 1.44 करोड़ रुपये की जरूरत है. नाइट फ्रैंक की सूची में भारत दक्षिण अफ्रीका, फिलीपींस और केन्या से ऊपर 22वें स्थान पर है.

भारत में सबसे अमीर लोगों की संख्या घटी

उधर, खबर यह भी है कि भारत में बेहद अमीर लोगों की संख्या पिछले साल 7.5 फीसदी गिरकर 12,069 पर आ गई है, लेकिन अगले पांच साल में इसके फिर से बढ़कर 19,119 हो जाने की संभावना है. संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि तीन करोड़ डॉलर से अधिक की हैसियत रखने वाले बेहद अमीर भारतीयों की संख्या वर्ष 2022 में 12,069 रही. यह वर्ष 2021 की तुलना में 7.5 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है. हालांकि, सलाहकार फर्म ने ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2023’ में कहा कि भारत में बेहद अमीर लोगों की संख्या 2027 तक बढ़कर 19,119 हो जाने की संभावना है.

पांच साल में 195 अरबपति

वहीं देश में अरबपतियों की संख्या अगले पांच वर्षों तक 195 तक पहुंचने की उम्मीद है. वर्ष 2022 में अरबपति भारतीयों की संख्या बढ़कर 161 हो गई, जबकि 2021 में इनकी संख्या 145 रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 10 लाख डॉलर से अधिक संपत्ति वाले अमीर लोगों की संख्या बढ़कर पिछले साल 7,97,714 हो गई, जबकि 2021 में इनकी संख्या 7,63,674 थी. अगले पांच साल में इस संख्या के बढ़कर 16,57,272 हो जाने की उम्मीद है.

2022 में अमीरों की संख्या में 3.8 फीसदी गिरावट

रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर अत्यधिक धनवान लोगों की संख्या में 3.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि इसके एक साल पहले 2021 में इनकी संख्या 9.3 फीसदी बढ़ी थी. पिछले साल भू-राजनीतिक अनिश्चितता रहने और आर्थिक मंदी के दुष्प्रभावों ने बेहद अमीर लोगों के लिए संपत्ति खड़ी करने के अवसरों पर असर डाला. भारत में भी बेहद अमीर लोगों की संपत्ति पर इन कारणों से असर पड़ा और सालाना आधार पर इनकी संख्या 7.5 प्रतिशत गिर गई. बेहद अमीर भारतीयों की संपत्ति ब्याज दरों में बढ़ोतरी और रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी प्रभावित हुई.

भारत की आर्थिक वृद्धि तेज

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि हाल के समय में प्रमुख एवं गैर-प्रमुख क्षेत्रों में गतिविधियां तेज रहने से भारत की आर्थिक वृद्धि को गति मिली है. इसके अलावा भारत के एक वैश्विक स्टार्टअप केंद्र बनने से भी नई संपत्ति खड़ी हो रही है.

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