स्विगी ने एक बयान में कहा कि पहले चरण के तहत कंपनी 36,000 रेहड़ी–पटरी वालों को जोड़ेगी, जिसके तहत 125 शहरों में उसके मंच के जरिए ऋण दिया गया है। इसके लिए स्विगी ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ अहमदाबाद, वाराणसी, चेन्नई, दिल्ली और इंदौर में एक पायलट परियोजना लागू की थी, जिसके तहत 300 से अधिक
ऑनलाइन खाना मंगाने के मंच स्विगी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत वह रेहड़ी-पटरी वालों के लिए अपनी योजना का विस्तार 125 शहरों में करेगी। स्विगी ने एक बयान में कहा कि पहले चरण के तहत कंपनी 36,000 रेहड़ी-पटरी वालों को जोड़ेगी, जिसके तहत 125 शहरों में उसके मंच के जरिए ऋण दिया गया है।
इसके लिए स्विगी ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ अहमदाबाद, वाराणसी, चेन्नई, दिल्ली और इंदौर में एक पायलट परियोजना लागू की थी, जिसके तहत 300 से अधिक रेहड़ी-पटरी वाले पहले ही उसके मंच से जु़ड़ गए हैं। कंपनी ने बयान में कहा कि उसके मंच से जुड़ते समय रेहड़ी-पटरी वालों को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ पंजीकृत किया जाएगा और उन्हें खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
स्विगी के सीओओ विवेक सुंदर ने कहा, ‘‘सुरक्षा और सफाई के साथ उपभोक्ताओं के दरवाजे तक विविधतापूर्ण भोजन पहुंचाने वाले मंच के रूप में हमें उन पसंदीदा स्ट्रीट फूड को लाने की खुशी है, जो कई महीनों से नदारद थे।’’ उन्होंने कहा कि रेहड़ी-पटरी से खानपान भारत में आम जिंदगी का हिस्सा है और स्वीगी आवास तथा शहरी मामलों के मंत्रालय को धन्यवाद देती है कि उन्होंने स्विगी को यह मौका दिया।
पीएम स्वानिधि योजना के तहत, स्ट्रीट वेंडर, 10,000 तक के वर्किंग कैपिटल लोन का लाभ उठा सकते हैं, जिसे एक वर्ष के भीतर मासिक किस्तों में चुकाया जा सकता है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों शहरी विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन खाना डिलिवरी करने वाली कंपनी स्विगी से हाथ मिलाया था। तब बयान में कहा गया था कि दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, इंदौर और वाराणसी जैसे शहरों में लोग नुक्कड़ों पर मिलने वाले गोलगप्पों, खोमचों की चाटों और मुंह में पानी ला देने वाले स्ट्रीट फूड का मजा ले पाएंगे। अब इन व्यंजनों का घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर कर आनंद ले सकेंगे।