कर्नाटक में सरकार बनते ही सिद्धारमैया की बढ़ी मुश्किलें, चहेते MLA को मंत्री बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन
कर्नाटक में सिद्धारमैया की अगुआई में सरकार एक्शन में आ गयी है. लेकिन सरकार गठन के साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की मुश्किलें भी बढ़ती दिख रही हैं. कैबिनेट में अपने चहेते विधायकों को लेने की मांग राज्य में उठने लगी है. इसको लिए प्रदर्शन भी किया जा रहा है.
विधायक डी सुधाकर को मंत्री पद दिये जाने की उठी मांग
सिद्धारमैया की अगुआई में 20 मई को कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी. उस दिन सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. साथ ही 8 अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. अब सभी को कर्नाटक में कैबिनेट विस्तार का इंतजार है. इस बीच कर्नाटक में अपने चहेते विधायकों को मंत्री पद दिय जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. हिरियूर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि हिरियूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डी सुधाकर को मंत्री पद दिया जाए.
कैबिनेट विस्तार को लेकर दिल्ली जाएंगे सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार बुधवार शाम नयी दिल्ली जाएंगे, जहां उनके कांग्रेस आलाकमान से मिलकर राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और मौजूदा मंत्रियों को विभागों के आवंटन पर चर्चा करने की संभावना है. हालांकि, सिद्दारमैया और शिवकुमार के दिल्ली दौरे का विवरण मीडिया से साझा नहीं किया गया है, लेकिन पार्टी सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के मौजूदा मंत्रियों को विभागों के आवंटन और मंत्रिमंडल विस्तार के मुद्दे पर कांग्रेस आलाकमान से मिलने की संभावना है.
#WATCH | Bengaluru: Congress workers of Hiriyur Constituency protest outside Karnataka CM Siddaramaiah’s residence, demanding that Hiriyur Constituency MLA D Sudhakar be given a ministerial post. pic.twitter.com/KGNso63iHi
— ANI (@ANI) May 24, 2023
मंत्री पद को लेकर भी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच मतभेद की खबर
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट में कुछ नामों को लेकर सिद्दारमैया और शिवकुमार के बीच कथित रूप से मतभेद है. ऐसी आशंका है कि इसी को लेकर दोनों को दिल्ली बुलाया गया है. नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन और एक ऐसे मंत्रिमंडल का गठन, जिसमें सभी समुदायों, क्षेत्रों, गुटों और नयी व पुरानी पीढ़ी के विधायकों को प्रतिनिधित्व हासिल हो, सिद्दारमैया के लिए काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है. कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है. इसे देखते हुए कई नेता मंत्री बनने की होड़ में शामिल हैं.