Jammu Kashmir: राजौरी में 22 साल पहले हुआ था पुंछ जैसा हमला, 14 जवान हुए थे शहीद
Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के पुंछ में बीते हफ्ते सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर हमला किया गया था, यह करीब 22 साल पहले पड़ोसी राजौरी जिले में एक पुलिस वाहन पर किए गए आतंकवादी हमले से काफी मिलता-जुलता है. सुरक्षा अधिकारियों ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए यह बात बताई. ध्यान में रखने वाली बात है कि पुंछ जिले के भाटा धुरियां के घने वन क्षेत्र में स्थित एक गांव में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट द्वारा आयोजित इफ्तार के लिए फलों और अन्य वस्तुओं को ले जा रहे ट्रक पर बृहस्पतिवार की शाम घात लगाकर हमला किया गया था. इस हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए और एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था.
आतंकवाद के फिर से सिर उठाने के संकेत
लाइन ऑफ कंट्रोल पर आतंकवादियों के लिए घुसपैठ की उपयुक्त जगह भाटा धुरियां में घात लगाकर किए गए इस हमले को पुंछ तथा राजौरी के सीमावती जिलों में आतंकवाद के फिर से सिर उठाने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है, जहां दस साल से भी अधिक समय पहले आतंकवाद का लगभग पूरी तरह खात्मा कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि पुंछ हमले की जांच कर रहे सिक्योरिटी फोर्सेज और खुफिया एजेंसियों को यह जानकर हैरानी हुई कि इस हमले तथा एक जनवरी 2001 को राजौरी के गंभीर मुगलन गांव में पुलिस के एक वाहन पर हमले के बीच समानता है. राजौरी में हुए हमले में विशेष अभियान समूह के 14 कर्मियों और 2 स्वास्थ्य कर्मियों की मौत हो गयी थी.
2001 हमले के स्थान से महज 23 किमी दूर
एक सिक्योरिटी अफसर ने मामले पर बात करते हुए कहा कि- भाटा धुरियां में जिस जगह पर घात लगाकर हमला किया गया वह 2001 के गंभीर मुगलन हमले के स्थान से महज 23 किलोमीटर दूर है. आतंकवादियों ने दोनों ही घटनाओं में वाहनों को बहुत करीब से अंधाधुंध गोलीबारी के बाद विस्फोटकों या रसायनों के इस्तेमाल से आग लगा दी थी. इसके बाद, वे जवानों की राइफलें लेकर फरार हो गए थे.
सुरक्षा तंत्र के लिए चिंता की बात
सिक्योरिटी अफसर ने आगे कहा कि ताजा हमला सुरक्षा तंत्र के लिए चिंता की बात है क्योंकि, पूरे इलाके को लगभग आतंकवाद मुक्त माना जाता था लेकिन हमलावरों ने जम्मू-राजौरी-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिनदहाड़े हमला किया और फिर घने जंगल में भाग गए. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने दूरवर्ती इलाकों में लोगों के साथ कई बैठकें कर उनसे चौकन्ना रहने तथा आतंकवादियों की संदिग्ध गतिविधि के बारे में कोई भी सूचना साझा करने को कहा है.