पीएम मोदी को मिला लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय सम्मान, शरद पवार ने विपक्षी गठबंधन के विरोध के बावजूद मंच किया साझा

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लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मान मिलना उनके लिए अविस्मरणीय है. उन्होंने कहा कि जो संस्थान सीधे लोकमान्य जी से जुड़ी हो, उसके द्वारा लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड मिलना उनके लिए गौरव की बात है.

पुरस्कार राशि नमामि गंगे प्रोजेक्ट को दान

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि जब आपको कोई अवार्ड मिलता है तो उससे जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी तब और ज्यादा हो जाती है जब पुरस्कार से लोकमान्य तिलक का नाम जुड़ा हो. पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं पूरे मन से आपकी सेवा में जुटा रहूंगा. जिस व्यक्ति के नाम से गंगाधर जुड़ा हो, उनके नाम पर मिली पुरस्कार राशि को मैं गंगा को ही समर्पित करना चाहता हूं. मैं अवार्ड के रूप में मिली पुरस्कार राशि नमामि गंगे प्रोजेक्ट को दान देने की घोषणा करता हूं.

लोकमान्य तिलक ने कहा था स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस दौर में अंग्रेज ये कह रहे थे कि भारतीयों को शासन करना नहीं आता है, उस दौर में लोकमान्य तिलक ने कहा था कि स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा. लोकमान्य तिलक ने आजादी के लिए त्याग और बलिधान की पराकाष्ठा दिखाई. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन एक पावन उद्देश्य की पूर्ति के लिए समर्पित किया. तिलक जी ने आजादी के समय पत्रकारिता के महत्व को समझा और अखबार निकालें, उन्होंने समाज को जोड़ने के लिए सामूहिक गणपति पूजा की शुरुआत करवाई और शिव जयंती के आयोजन की भी शुरुआत की. इन आयोजन से सामाजिक बुराइयों को मिटाया गया. आज की युवा पीढ़ी के लिए लोकमान्य तिलक उदाहरण थे. वे जानते थे युवा ही देश को आगे ले जायेंगे इसलिए उन्होंने युवाओं की शक्ति को पहचाना और राष्ट्र निर्माण के लिए कई प्रयास किये. यही वजह है कि उन्हें देश का लोकमान्य नेता कहा जाता है.

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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंच साझा किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब मंगलवार को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह दिया गया तो , उनके साथ मंच पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे. शरद पवार का पीएम मोदी के साथ मंच साझा करना इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि शरद पवार उस विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं, जिसका गठन 2024 में नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को सत्ता से हटाना है. शरद पवार से विपक्षी दलों के गठबंधन के नेताओं ने यह अनुरोध किया था कि वे पीएम मोदी के इस सम्मान समारोह का हिस्सा ना बनें, बावजूद इसके शरद पवार इस कार्यक्रम में शामिल हुए. हालांकि विपक्षी गठबंधन शरद पवार के इस फैसले से खुश नहीं है और उनका कहना है कि इससे जनता में गलत संदेश जाएगा.

सर्वोच्च नेतृत्व के लिए मिला सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी को उनके सर्वोच्च नेतृत्व और नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. गौरतलब है कि लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी. यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है. सम्मान समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दगडूशेठ हलवाई गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की भी की.

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