बुनियादी ढांचे के विकास के केंद्र में जनता होनी चाहिए : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधुनिक तकनीक और ज्ञान के इस्तेमाल पर आधारित आपदा अनुकूल बुनियादी ढांचा विकसित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे न सिर्फ वर्तमान पीढ़ी को आपदा से बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि भावी पीढ़ी को भी सुरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचे के विकास के केंद्र में जनता होनी चाहिए।

पीएम नरेंद्र मोदी आपदा अनुकूल बुनियादी ढांचे पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के चौथे संस्करण के उद्घाटन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘यह एक साझा सपना और दृष्टि है, जिसे हम वास्तविकता में बदल सकते हैं।’

बुनियादी ढांचा बनाने की दिशा में काम करना होगा

पीएम ने कहा कि भविष्य को बेहतर बनाने के लिए हमें आपदा के अनुकूल बुनियादी ढांचा बनाने की दिशा में काम करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे का मतलब सिर्फ पूंजीगत संपत्तियों का निर्माण और लंबे समय के लिए निवेश या रिटर्न हासिल करना नहीं है। यह सिर्फ संख्या या धन के लिए भी नहीं है, बल्कि यह जनता के लिए है। जनता को उच्च गुणवत्ता वाली और सतत सेवा प्रदान करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी भी बुनियादी ढांचे के विकास के केंद्र में जनता होनी चाहिए। भारत भी यही करने की कोशिश कर रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सफाई, बिजली और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही भारत जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का भी सीधा मुकाबला कर रहा है।इस सत्र को संबोधित करने वाली हस्तियों में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री निरिना राजेओलिना शामिल थे ।

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