पुलवामा पर सच्‍चाई कबूल कर फंसा पाकिस्‍तान, FATF में हो सकता है ब्‍लैकलिस्‍ट

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पाकिस्‍तान के मंत्री फवाद चौधरी की ससंद में माना कि पुलवामा आतंकी हमले को इमरान खान सरकार ने करवाया था। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने में पाकिस्तान और उसकी भूमिका के बारे में पूरी दुनिया को पता है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से ब्लैकलिस्ट होने बचने के लिए पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कार्रवाई का ढोंग कर दुनिया की आंखों में धूल झोंकता रहा है और आतंकवाद के समर्थन से मुकरता रहा है।

अब इमरान खान के मंत्री के कबूलनामे के बाद फिलहाल एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान के ब्लैकलिस्ट होने की संभावना बढ़ गई है। इसी हफ्ते एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है और अगले साल फरवरी में पाकि‍स्‍तान की तरफ से आतंक पर लगाम लगाने वाली कार्रवाइयों को लेकर उसके ब्लैकलिस्ट किए जाने पर फैसला लेगा।

एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट होने से पाकिस्तान पाई-पाई को होगा मोहताज

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पिछले साल यह बताया था कि देश को ग्रे लिस्ट में रहने से हर साल 10 अरब डॉलर का नुकसान होता है। एफएटीएफ के मौजूदा फैसले से इस साल दिसंबर तक पाकिस्तान को 25 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। वह जून 2018 से इस लिस्ट में है। ऐसे में पुलवामा में आतंकी हमले के खुलासे से यह साफ है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई का ढोंग करने वाले पाकिस्तान को अब उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। अगर पाकिस्तान FATF में ब्लैकलिस्ट होता है तो उसे विश्व बैंक, आईएमएफ जैसे संगठनों और देशों से आर्थिक मदद मिलने के दरवाजे करीब-करीब बंद हो जाएंगे। इससे पहले से पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था बदहाल हो जाएगी और पाई-पाई का मोहताज हो जाएगा। भारत का हमेशा से मानना रहा है कि पाक‍

पुलवामा हमले में शहीद हुए थे सीआरपीएफ के 40 जवान

पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने वहां की संसद में कबूल किया कि पुलवामा हमला पाक की कामयाबी है। दरअसल, पिछले साल पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।

पाकिस्‍तान का कबूलनामा

बुधवार को पाकिस्तान की संसद में पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने स्वीकार किया कि विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई का असली कारण भारत का खौफ था। पाकिस्तान असेंबली के पूर्व स्पीकर अयाज सादिक ने तो यहां तक कहा कि अभिनंदन की रिहाई को लेकर हुई बैठक में विदेश मंत्री एमएम कुरैशी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के पैर कांप रहे थे और उन्हें पसीना आ रहा था।

उनके अनुसार, विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि ‘अल्लाह के वास्ते इसको (अभिनंदन) वापस जाने दो, क्योंकि रात नौ बजे हिंदुस्तान पाकिस्तान पर हमला कर देगा।’ वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान बैठक में आने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए थे।

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