पी चिदंबरम ने कहा, लोकसभा चुनाव में 400-450 सीटों पर साझा उम्मीदवार उतार सकते हैं गैर-भाजपाई दल

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मुंबई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले गैर-भाजपाई दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश जारी है. इसमें अगर सफलता मिल जाती है, तो लोकसभा चुनाव में 400 से 450 सीटों पर गैर-भाजपाई दल अपना उम्मीदवार उतार सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने राज्यों में मजबूती के आधार पर कांग्रेस का समर्थन करने के संबंध में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी के बयान का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि उन्हें बातचीत शुरू करनी चाहिए. ममता बनर्जी ने कहा था कि 2024 के आम चुनावों के लिए कांग्रेस जहां मजबूत है, उसका समर्थन किया जाएगा और बदले में कांग्रेस को भी क्षेत्रीय दलों का समर्थन करना होगा.

बातचीत के माध्यम से बनाई जा सकती है समझ

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनर्जी के बयान का स्वागत किया और उन्हें विश्वास है कि बातचीत के माध्यम से एक समझ बनाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि मैं ममता बनर्जी के बयान का स्वागत करता हूं. उन्हें कांग्रेस के साथ बातचीत में इसे आगे बढ़ाना चाहिए. मैं आश्वस्त हूं कि सहमति बनाई जा सकती है. ममता बनर्जी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय दलों को समर्थन के बदले 2024 के लोकसभा चुनावों में वहां-वहां कांग्रेस का समर्थन करेगी जहां यह मजबूत है. ममता बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस जहां भी मजबूत है, उन्हें लड़ने दें. हम उन्हें समर्थन देंगे, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन उन्हें अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन करना होगा.

राज्यों में मजबूत गैर-भाजपाई क्षेत्रीय पार्टियां गठबंधन में हों आगे

कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने यह संकेत भी दिए कि वे ममता बनर्जी के विचार के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे मजबूत गैर-भाजपाई दल वहां के चुनाव में गठबंधन में अग्रणी पार्टी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरा निजी विचार है कि किसी राज्य में सबसे मजबूत गैर-भाजपाई दलों को उस राज्य में चुनाव में गठबंधन में अग्रणी पार्टी होना चाहिए. कांग्रेस कई राज्यों में सबसे मजबूत गैर-भाजपा पार्टी है। यह स्वाभाविक है कि राज्यों के मजबूत क्षेत्रीय दल पारस्परिक समर्थन की अपेक्षा करेंगे.

12 जून को पटना में होगी विपक्षी दलों की बैठक

पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि गैर-भाजपाई दलों के बीच एकजुटता का काम प्रगति पर है. कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका मानना है कि विपक्षी दल एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं, लेकिन अभी कुछ दूरी तय करनी है. सूत्रों के मुताबिक 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होने की संभावना है. चिदंबरम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में प्रक्रिया में तेजी आएगी. यह पूछे जाने पर कि हाल में संपन्न कर्नाटक चुनावों में भाजपा पर कांग्रेस की भारी जीत का क्या असर हो सकता है, चिदंबरम ने कहा कि 2024 के चुनावों को लेकर परिणामों की भविष्यवाणी करना बहुत जल्दबाजी होगी, लेकिन उनका मानना है कि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

राज्यों में कांग्रेस की जीत का सिलसिला जारी रहना चाहिए

अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस को कर्नाटक में शुरू हुई जीत का सिलसिला जारी रखने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का निश्चित रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, लोकसभा चुनाव से एक साल पहले यह कहना जल्दबाजी होगी कि 2024 के आम चुनाव का नतीजा क्या होगा. मैं कर्नाटक की जीत के बाद आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह देख सकता हूं. यह अच्छा संकेत है.

दिल्ली में ‘सेवाओं’ का मामला गंभीर

दिल्ली में नौकरशाहों के स्थानांतरण और पदस्थापना को नियंत्रित करने के लिए केंद्र के अध्यादेश पर विवाद के बारे में चिदंबरम ने मामले को गंभीर बताया और कहा कि यह सर्वोच्च अदालत को नजरअंदाज करने का प्रयास है और यह मुद्दा संघीय सरकार की बुनियाद तक जा रहा है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239एए (राज्य विधानमंडल की शक्तियों पर) की व्याख्या 2018 और 2023 में सुप्रीम कोर्ट की दो संविधान पीठों द्वारा की गई है. यह कानून का शासन है. कई कानूनी विद्वान अध्यादेश को फैसले को नजरअंदाज करने या खारिज करने के तौर पर देखते हैं. यह एक गंभीर मामला हैं.

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