Rajasthan Congress Crisis: भिड़े सचिन पायलट और अशोक गहलोत समर्थक, खूब चले लात-जूते, देखें वीडियो

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Rajasthan Congress Crisis: इस साल के अंत तक राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले ही प्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने लगी है. जहां एक ओर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत(Ashok Gehlot) आमने-सामने आ गये हैं. वहीं दूसरी ओर राजस्थान के अजमेर शहर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो गुट के आपस में भिड़ने की खबर आ रही है. जानकारी के अनुसार दोनों गुट ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की. सारे घटनाक्रम का वीड‍ियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

जो खबरें सामने आ रहीं हैं उसके मुताबिक पार्टी की सह प्रभारी अमृता धवन को अजमेर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करनी थी. लेक‍िन बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का समर्थन करने वाले गुट आपस में भिड़ गये. बैठक शहर के वैशाली नगर इलाके में एक जगह निर्धारित की गयी थी जहां कांग्रेस नेता अमृता धवन को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके उनकी प्रतिक्रिया लेनी थी. बैठक से पहले दोनों नेताओं के समर्थकों में बैठने की व्यवस्था को लेकर कहासुनी हुई, जिसके बाद दोनों गुटों में हाथापाई हो गयी.

एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी

कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विजय जैन ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि यह एक पदाधिकारियों की बैठक थी, जिसमें अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी और राजस्‍थान पर्यटन निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के समर्थक पहुंचे थे. उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी जिसके परिणामस्वरूप उनके समर्थकों के बीच हाथापाई हो गयी.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो गुटों में मारपीट

क्रिश्चियनगंज के थानाधिकारी कर्ण सिंह ने बताया कि सभाकक्ष में बैठने की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो गुटों में मारपीट हो गयी. दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की और बाद में एक-दूसरे की पिटाई कर दी. सिंह ने बताया कि मौके पर मौजूद पुलिस ने हस्तक्षेप कर प्रदर्शनकारियों को शांत कराया. उन्होंने बताया कि किसी को कोई बड़ी चोट नहीं पहुंची है.

सचिन पायलट भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर मुखर

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर मुखर हैं. वे अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन कर चुके हैं. यही नहीं वे इस मामले को लेीकर पद यात्रा तक निकाल चुके हैं जिसमें अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली थी. सचिन पायलट के इस कदम से कांग्रेस पार्टी की टेंशन बढ़ी हुई है. यदि कांग्रेस ने इस विवाद को हल नहीं निकाला तो पार्टी के लिए विधानसभा की राह आसान नहीं होगी.

भाषा इनपुट के साथ

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