महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण हुआ हिंसक, एनसीपी विधायक के घर में लगाई गई आग, बाल-बाल बचे प्रकाश सोलंके

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महाराष्ट्र के बीड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों ने एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर तोड़फोड़ की और आग लगा दी. मामले पर विधायक प्रकाश सोलंके की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि जब हमला हुआ तब मैं अपने घर के अंदर था. सौभाग्य से, मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी घायल नहीं हुआ. हम सभी सुरक्षित हैं लेकिन एक आग के कारण संपत्ति का भारी नुकसान हुआ.

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के बीड आवास पर हमले पर सीएम एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल (मराठा आरक्षण कार्यकर्ता) को इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि यह विरोध प्रदर्शन किस तरफ जा रहा है. इसके गलत दिशा में जाने से रोकना चाहिए.

गृह मंत्रालय क्या कर रहा है ?

NCP विधायक प्रकाश सोलंके के बीड आवास पर हुए हमले पर NCP(शरद पवार गुट) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र में जो ट्रिपल ईंजन की सरकार है, ये उनकी विफलता है. आज एक विधायक का घर जलाया जाता है, गृह मंत्रालय क्या कर रहा है और गृह मंत्री क्या कर रहे हैं? ये उनकी जिम्मेदारी है.

स्वास्थ्य जांच करवाने से मनोज जरांगे ने किया इनकार

इस बीच मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के जालना जिले में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने स्वास्थ्य जांच करवाने से इनकार कर दिया है. जालना के कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. प्रताप घोडके ने इस बाबत जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक भोजन न करने से उनके आवश्यक अंगों और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने की संभावना बढ़ गई है. आपको बता दें कि मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

महाराष्ट्र सरकार की ओर से क्या कहा गया

उल्लेखनीय है कि मराठा आंदोलन के प्रदर्शन ने तब जोर पकड़ लिया जब सामाजिक कार्यकर्ता जरांगे प्रदर्शन के दूसरे चरण के तहत जालना में अंतरवाली सराटी गांव में 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए. उनकी अपील पर कई ग्रामीणों ने गांव में राजनीतिक दलों के नेताओं को इंट्री नहीं दी जा रही है. जरांगे ने ऐलान किया है कि यदि राज्य सरकार मराठा समुदाय की लंबित मांग पर कार्रवाई करने में नाकाम रही तो समूचे महाराष्ट्र में आमरण अनशन के साथ प्रदर्शन शुरू किया जाएगा. इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और इससे जुड़े कुछ कानूनी मुद्दे हैं.

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