दिल्ली आबकारी घोटाला : मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट में लंबित अंतरिम जमानत याचिका वापस ली

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नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली, क्योंकि उनके द्वारा सामना किए गए एक मामले में उनकी नियमित जमानत याचिका के संबंध में आदेश सुरक्षित रखा गया है. मनीष सिसोदिया को इस साल की फरवरी में दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनेके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच कर रही हैं.

मनीष सिसोदिया के स्वास्थ्य में सुधार

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने मनीष सिसोदिया के वकील मोहित माथुर की ओर से अंतरिम जमानत याचिका संबंधी के बारे में बताए जाने के बाद उन्होंने इस याचिका वापस लेने की अनुमति दी. मोहित माथुर ने कहा कि सिसोदिया की पत्नी की हालत में भी सुधार हुआ है. वहीं, सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता एसवी राजू ने नाम वापसी पर आपत्ति जताते हुए इसे दुर्भावनापूर्ण बताया.

सीबीआई के वकील ने लगाया तथ्य छुपाने का आरोप

सीबीआई के वकील ने आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया के वकील तथ्यों को छुपा रहे थे. इस ओर ध्यान दिलाने के बाद वे अंतरिम जमानत याचिका वापस ले रहे हैं. ईडी ने अदालत को बताया कि जब मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी के स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत के लिए आवेदन किया था, तो उस समय उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.

एक जून तक बढ़ाई गई हिरासत अवधि

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आबकारी घोटाला मामले में मंगलवार 23 मई को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि एक जून तक बढ़ाने का आदेश दिया था. उन्हें आबकारी घोटाले से जुड़े ईडी के मनी लांड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया गया था.

सिसोदिया ने पढ़ने-लिखने के मांगी टेबल-कुर्सी और किताबें

रिपोर्ट के अनुसार, पेशी के दौरान दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पढ़ाई-लिखाई के लिए अदालत से कुर्सी, टेबल और किताबें मुहैया कराने की मांग की थी. अदालत ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए इन चीजों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. अदालत ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वे मनीष सिसोदिया के पढ़ने-लिखने के लिए कुर्सी, टेबल और किताबें मुहैया कराने पर विचार करें.

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