दिल्ली के 63 और यूपी के 59 फीसद मामलों का लिंक तब्‍लीगी जमात से, 23 राज्यों में फैलाया कोरोना

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अबतक देश में कोरोना संक्रमण के 14378 केस सामने आए है जिनमें से 4291 यानी 29.8 फीसद मामले अकेले तब्‍लीगी जमात के आयोजन (Tablighi Jamaat congregation) से ही जुड़े हुए हैं।

दिल्ली न्यूज़ 24 रिपोर्टर। देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों की मानें तो देश में अब तक जो आंकड़े आए हैं उनमें से अधिकांश दिल्‍ली के निजामुद्दीन में आयोजित तब्‍लीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की मानें तो अब तक देश में कोरोना संक्रमण के 14,378 केस सामने आए है जिनमें से 4,291 मामले अकेले तब्‍लीगी जमात के आयोजन (Tablighi Jamaat congregation) से ही जुड़े हैं। अपनी रोजाना की प्रेस ब्रीफिंग में केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में 14,378 पॉजिटिव केस में से 4,291 यानी करीब 29.8 फीसद केस निजामुद्दीन मरकज क्‍लस्‍टर सिंगल सोर्स से संबंधित पाए गए हैं।

डराते हैं ये आंकड़े

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि तब्‍लीगी जमात से संबंधित मरीज देश के 23 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पाए गए हैं। कोविड-19 मरीजों की संख्या के लिहाज से टॉप 10 राज्यों में पांच राज्य ऐसे हैं जहां जमाती मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। तमिलनाडु में 84 फीसद, दिल्ली में 63 फीसद, तेलंगाना में 79 फीसद, आंध्र प्रदेश में 61 जबकि उत्तर प्रदेश के 59 फीसद संक्रमित मरीज या तो तब्लीगी जमात से हैं या इन जमात के लोगों के संपर्क में आए थे। सरकार की मानें तो देश में संक्रमण से मृत्यु दर 3.3 फीसद है जो दूसरे कई मुल्‍कों के मुकाबले काफी कम है।

जमाती की वजह से अरुणाचल का भी जुड़ा नाम

लव अग्रवाल ने बताया कि कुछ राज्यों में तो अकेले तब्‍लीगी जमात से जुड़े 91 फीसद मरीज तक पाए गए हैं। असम में 35 में से 32 मामले यानी 91 फीसद, अंडमान में से 12 में से 10 यानी 81 फीसद केस जमात से हैं। अरुणाचल प्रदेश केवल एक जमाती की वजह से ही कोरोना प्रभावित राज्य में शामिल हो गया है। अरुणाचल में अभी तक एक मामला सामने आया जो तब्‍लीगी जमात से जुड़ा है।

एक की गलती देश पर पड़ती है भारी

लव अग्रवाल ने कहा कि तब्लीगी जमात जुड़े ये आंकड़े देने का उद्देश्य लोगों को ध्यान में यह लाना है कि यदि किसी एक व्यक्ति ने भी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का पालन नहीं किया तो, उसका दुष्प्रभाव पूरे देश पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोरोना को पूरी तरह हराने के लिए जरूरी है कि हमसब मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।

इन देशों के लिए भी जमातियों ने खड़ी की मुश्किलें

यहां बता देना भी जरूरी है कि तब्‍लीगी जमात के सदस्‍यों ने केवल भारत के लिए ही मुश्किलें नहीं पैदा कीं। तब्लीगी जमात के लोग पाकिस्तान, मलेशिया और ब्रुनेई में भी कोरोना वायरस संक्रमण के बड़े वाहक साबित हुए हैं। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तब्लीगी जमात के 429 सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इन 429 सदस्यों ने पंजाब प्रांत के रावलपिंडी में वार्षिक धार्मिक जलसे में शिरकत की थी। वहीं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तब्लीगी जमात के संक्रमित सदस्यों की संख्या 1,100 का आंकड़ा पार कर गई है।

मौतों में 83 फीसद मृतक बुजुर्ग या बीमार

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की मानें तो कोरोना संक्रमण से अभी तक होने वाली मौतों में 83 फीसद मृतक बुजुर्ग या ऐसे लोग थे जिनको दूसरी बीमारियां थीं। देश में 45 ऐसे जिले ऐसे हैं जहां पिछले 14 दिनों से मामलों में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रशासन के साथ सभी जरूरी कदम उठा रही हैं। हालांकि सुकून देने वाली बात यह है कि जिन 23 राज्यों के 47 जिलों में पहले संक्रमित मिले थे वहां बीते 28 दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। सरकार का कहना है कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में छूट मिलने के बारे में कल यानी रविवार को गाइडलाइन जारी होगी।

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