Lakshmi Vilas Bank के प्रशासक ने ग्राहकों को किया आश्वस्त, एक माह में निकल आएगा समाधान, सभी के हितों की होगी रक्षा

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संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक के प्रशासक टीएन मनोहरन ने बुधवार को बैंक के ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने बुधवार को कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए मीडिया को संबोधित करते हुए यह बात कही। मनोहरन ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक देश में 94 वर्ष से सक्रिय है और बैंक की 4,100 से अधिक शाखाएं हैं। उन्होंने कहा कि फंसे हुए कर्ज में वृद्धि के चलते आरबीआई ने बैंक को ‘Corrective Measures’ के अंतर्गत रखा था और वित्तीय सेहत की वजह से फिलहाल बैंक पर मोरेटोरियम लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा एवं बैंकिंग और वित्तीय स्थिरता के लिए यह जरूरी हो गया था।

मनोहरन ने सभी शेयरहोल्डर्स को आश्वस्त करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह एक माह की छोटी अवधि का मोरेटोरियम है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस अवधि के पूरा होने से पहले ही समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान बैंक के ग्राहकों की आशंकाओं को खत्म करने की कोशिश करते हुए बार-बार यह बात दोहरायी कि ग्राहकों एवं जमाकर्ताओं को इस कदम से परेशान होने की जरूरत नहीं है।

इससे पहले मंगलवार को रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक पर एक माह का मोरेटोरियम लगाते हुए बैंक के बोर्ड को अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके साथ ही बैंक से निकासी के लिए 25,000 रुपये की सीमा तय कर दी गई। केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही केनरा बैंक के पूर्व नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन टी एन मनोहरन को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।

संवाददाताओं से बातचीत में मनोहरन ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि 16 दिसंबर की समयसीमा से पहले DBS Bank के साथ बैंक के विलय का काम पूरा हो जाएगा।

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