Sengol: क्या है सेंगोल? नये संसद भवन के उद्घाटन में सामने आयेगा भारत का ‘राजदंड’, जानें क्या है इतिहास

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नये संसद भवन के उद्धाटन को लेकर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसमें उन्होंने बताया, 28 मई को नये संसद भवन का उद्धाटन किया जाएगा. गृह मंत्री ने नये संसद भवन में सेंगोल की स्थापित को लेकर भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह आजादी का प्रतीक है. सेंगोल को आजादी के बाद भुला दिया गया था.

सेंगोल की स्थापना के लिए संसद भवन से उपयुक्त और पवित्र स्थान नहीं : अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, सेंगोल की स्थापना के लिए संसद भवन से उपयुक्त और पवित्र स्थान कोई और हो ही नहीं सकता. इसलिए जिस दिन नए संसद भवन को देश को समर्पित किया जाएगा. उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु से आए हुए अधीनम से सेंगोल को स्वीकार करेंगे और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित करेंगे.

अंग्रेजों से सत्ता मिलने का प्रतीक है सेंगोल

अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, अंग्रेजों से सत्ता मिलने का प्रतीक है सेंगोल. उन्होंने कहा, सेंगोल को संग्राहलय में रखना ठीक नहीं होगा. आजादी के बाद से सेंगोल को भुला दिया गया था. अब इसे नये संसद भवन में स्थापित किया जाएगा.

स्पीकर सीट के पास रखा जाएगा सेंगोल

गौरतलब है कि सेंगोल को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्वीकार किया था. गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, सेंगोल को नये संसद भवन में स्पीकर सीट के पास रखा जाएगा.

सेंगोल का अर्थ संपदा से संपन्न और ऐतिहासिक

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, नये संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी. इसके पीछे युगों से जुड़ी हुई एक परंपरा है. इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका अर्थ संपदा से संपन्न और ऐतिहासिक है. 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी. इसके 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है. सेंगोल ने हमारे इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी. यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो गहन जांच करवाई गई. फिर निर्णय लिया गया कि इसे देश के सामने रखना चाहिए. इसके लिए नए संसद भवन के लोकार्पण के दिन को चुना गया.

चोल साम्राज्य से जुड़ा सेंगोल

गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया से बात करते हुए बताया, सेंगोल चोल साम्राज्य से जुड़ा है. सेंगोल जिसको प्राप्त होता है उससे निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शासन की उम्मीद की जाती है. शाह ने बताया, सेंगोल को तमिलनाडु के पुजारियों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान किया गया है.

सेंगोल को संस्कृत के संकु से लिया गया

सेंगोल को संस्कृत के संकु शब्द से लिया गया है. जिसका अर्थ शंख होता है. सेंगोल भारतीय सम्राट की शक्ति और अधिकार का प्रतीक था. सेंगोल सोने या फिर चांदी के बने होते हैं. जिसे कीमती पत्थरों से सजाया जाता था. सेंगोल का सबसे पहले इस्तेमाल मौर्य साम्राज्य में किया गया था. उसके बाद चोल साम्राज्य और गुप्त साम्राज्य में किया गया था. इसका इस्तेमाल आखिरी बार मुगल काल में किया गया था. हालांकि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी भारत में अपने अधिकार के प्रतिक के रूप में इसका इस्तेमाल किया गया था.

60,000 श्रमयोगियों को पीएम मोदी करेंगे सम्मानित

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है. इस अवसर पर पीएम सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे.

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