Kerala Blast: केरल में हुए धमाकों में IED का इस्तेमाल, एक की मौत, 36 से ज्यादा घायल

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Kerala Blast: केरल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शेख दरवेश साहब ने कहा कि राज्य में एक ईसाई समुदाय के कन्वेंशन सेंटर में रविवार को हुआ धमाका आईईडी के कारण हुआ. धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 36 अन्य घायल हुए हैं. राज्य पुलिस प्रमुख ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार विस्फोट आईईडी के कारण हुआ. उन्होंने कहा कि हम जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज सुबह नौ बजकर 40 मिनट पर कलामासेरी में जमराह इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में धमाका हुआ जिसमें हमारी सूचना के अनुसार एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 36 लोगों का उपचार किया जा रहा है.

बहरहाल, विस्फोट की संख्या को लेकर विरोधाभासी खबरें हैं. राज्य के मंत्री वी वी वसावन और एंटनी राजू ने कहा कि दो धमाके हुए जबकि एर्नाकुलम से कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा कि कन्वेंशन सेंटर में मौजूद उनके एक मित्र के अनुसार कई धमाके हुए. मंत्रियों ने कहा उन्होंने हमें बताया है कि शुरुआती जांच के अनुसार दो धमाके हुए हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या यह आतंकवादी हमला था, इस पर डीजीपी ने कहा कि वह इस चरण में कुछ नहीं कह सकते हैं. शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा जांच के बाद ही मैं जानकारियों की पुष्टि कर सकता हूं. हम सभी पहलुओं से जांच कर रहे हैं. हम यह पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.

उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया और उनसे सोशल मीडिया पर उकसावे या घृणा वाले संदेश न फैलाने को कहा. दरवेश ने आगाह किया कि सोशल मीडिया पर उकसावे या घृणा संदेश फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि विस्फोट स्थल का दौरा करने के बाद एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया जाएगा. इस बीच, वसावन और राजू ने मीडिया को बताया कि एनआईए समेत कई केंद्रीय एजेंसी घटनास्थल पर मौजूद हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना धार्मिक सभा के आखिरी दिन सुबह करीब नौ बजकर 38 मिनट पर हुई और उस समय वहां करीब 2,300 लोग मौजूद थे.

राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन समेत अन्य मंत्रियों ने कहा कि जब धमाका हुआ तो लोग आंख बंद करके प्रार्थना कर रहे थे. उन्होंने बताया कि धाार्मिक सभा के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग आए हुए थे. यह विस्फोट ‘यहोवा के साक्षी’ नामक धार्मिक सभा के दौरान हुआ. इस ईसाई धार्मिक समूह की स्थापना 19वीं सदी में अमेरिका में हुई थी. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विस्फोट में एक महिला की मौत हो गई और 36 अन्य घायल हो गए.

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