Jet Airways के फाउंडर नरेश गोयल को कोर्ट ने ED कस्टडी में भेजा, जानें आसमान से फर्श तक पहुंचने की पूरी कहानी

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जेट एयरवेज के बंद होने के क्या कारण थे

जेट एयरवेज (Jet Airways) की शुरुआत 1 अप्रैल 1992 को हुई थी. यह भारतीय एक प्रमुख विमानन कंपनी थी और विश्वसनीय विमानन सेवाएं प्रदान करती थी. जेट एयरवेज ने अपने संचालन के दौरान विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें भरी और भारतीय विमानन उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, कंपनी में नरेश गोयल के कई फैसले गलत हुए. सबसे पहले जेट एयरवेज अपने लिए स्टैटेजिक इनेस्टर को खोजने में नाकाम रहा. इसके कारण, धीरे-धीरे कंपनी का घाटा बढ़ता गया. कंपनी ने कभी भी इंडिगो, स्पाइस जेट और गो एयरवेज के गंभीरता से नहीं लिया. इन कंपनियों ने सस्ते टिकट देकर यात्रियों को अपनी तरफ खींच लिया. इस बीच, नरेश ने जिन अधिकारियों को कंपनी चलाने के लिए नियुक्त किया, उनपर कभी भरोसा नहीं किया. गोयल लगातार निवेश करते जा रहे थे. कंपनी की गिरती हालत को संभालने के बाजाए वो कर्ज का बोझ बढ़ाते जा रहे थे.

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