इजराइल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन घोषित किया, 26/11 हमले की 15वीं बरसी से पहले कड़ी कार्रवाई
26/11 हमले की 15वीं बरसी से पहले इजराइल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन घोषित किया. भारत में इजराइल के दूतावास से बताया, मुंबई आतंकवादी हमलों की 15वें बरसी से पहले इजराइल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है.
इजराइल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन घोषित करने की प्रक्रिया पूरी की
भारत सरकार द्वारा अनुरोध नहीं किए जाने के बावजूद इजराइल ने ऐसा करने का फैसला किया. इजराइल ने औपचारिक रूप से सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं और लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठनों की इजराइली सूची में शामिल करने के लिए सभी आवश्यक जांच और नियमों को पूरा कर लिया है.
Embassy of Israel in India says, “To symbolize the marking of the 15th year of commemoration of the Mumbai terror attacks, the state of Israel has listed Lashkar -e- Taiba as a Terror Organization. Despite not being requested by the Government of India to do so, the state of… pic.twitter.com/bME1PVnlQG
— ANI (@ANI) November 21, 2023
भारत ने इजराइल-हमास संघर्ष में मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों को सराहा
भारत ने जारी इजराइल-हमास संघर्ष के बीच मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन प्रयासों की भी सराहना की है जिनका उद्देश्य तनाव कम करना और फलस्तीन के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना है1 गाजा पट्टी में मानवीय दशा को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में पूर्ण सत्र की अनौपचारिक बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने सोमवार को जोर देकर कहा कि भारतीय नेतृत्व का संदेश स्पष्ट और सुसंगत रहा है1
हम आतंकवाद के सभी रूपों और इसके प्रसार के विरोधी हैं : भारत
कंबोज ने कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन सभी प्रयासों का स्वागत करता है जो संघर्ष को कम करने के लिए हैं और फलस्तीन के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने को सक्षम बनाते हैं. उन्होंने कहा, हम आतंकवाद के सभी रूपों और इसके प्रसार के विरोधी हैं, स्पष्ट रूप से हिंसा के खिलाफ हैं और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने के पक्ष में हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि संघर्ष को और बढ़ने से रोका जाए, मानवीय सहायता जारी रहे, सभी बंधकों को बिना शर्त रिहा किया जाए और सभी पक्ष शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की दिशा में काम करें. कंबोज ने रेखांकित किया कि इस दिशा में, हम मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों का भी स्वागत करते हैं.