नई दिल्ली (डीएन24 संवाददाता)। दिल्ली स्टेट कोऑपरेटिव बैंक की नरेला शाखा में पांच साल पहले हुआ 20 लाख का गबन मामला धीरे-धीरे पीएमसी घोटाले की तरह बड़ा बनता जा रहा है। पिछले दिनों 27 मार्च को ही नरेला पुलिस ने रोहिणी कोर्ट के आदेश पर गबन मामले में पांच को नामजद किया था। इसके बामुश्किल 15 दिन बाद ही यानी 18 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की मुख्य खण्डपीठ ने दायर पीआईएल में नोटिस जारी किया है।
बैंक में घोटाले की पेन्डिंग जाँच पर अपने दिये जवाब में आरसीएस ने जांच रिपोर्ट को डायरेक्टरेट ऑफ विजीलेंस में पेन्डिंग बताया जिसपर माननीय खण्डपीठ ने तीन सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट पूरी कर जवाबी हलफनामा जमा करने का आदेश दिया। नरेला शाखा में हुआ गबन भी इस पीआईएल का हिस्सा है। पीआईएल के याचिकाकर्ता अमित लाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को नरेला पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में बरती गई लापरवाही की शिकायत की थी और आशंका जताई थी कि मामले का जांच अधिकारी कोर्ट के रिकॉर्ड पर गलत तथ्य पेश कर रहा है। जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त कार्यालय ने मामले को स्पेशल सीपी नार्थ लॉ एंड आर्डर को मामले को फॉरवर्ड कर दिया है। जिसके बाद अब इस बात की उम्मीद बढ़ गयी है कि कहीं इस बैंक घोटाले की आंच आरसीएस, आरबीआई और नाबार्ड की तरह दिल्ली पुलिस की भी परेशानियां ना बढ़ा दे। क्योंकि प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीड़ित पक्ष दफा 340 के तहत नरेला पुलिस के खिलाफ कोर्ट का रुख कर सकता है।