कैसे बदलें बंद हुए 2000 रुपये के नोट, जानें पूरा प्रोसेस
क्यों बंद किए जा रहे हैं 2000 रुपये के नोट
इससे पहले, भारत में पहली बार 8 नवंबर 2016 की रात आठ बजे के बाद से आरबीआई अधिनियम-1934 की धारा 24(1) के तहत बाजार में प्रचलित 500 और 1000 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने के लिए नोटबंदी की गई थी. इसके बाद आरबीआई ने भारत सरकार की सहमति से अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए 500 और 1000 रुपये के नोटों के बदले में 500 और 2000 रुपये के नोटों को छापना शुरू किया. चूंकि, बाजार में छोटे मूल्यवर्ग के नोट सहजता से उपलब्ध होने लगे, तो आरबीआई ने 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी थी. मार्च 2017 से पहले जारी किए गए 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों में से लगभग 89 फीसदी नोट 4-5 साल के अंतराल में ही बाजार से गायब हो गए बताए जा रहे हैं. बताया यह भी जा रहा है कि रोजाना के नियमित ट्रांजेक्शन के लिए लोग 2,000 रुपये के नोट पर निर्भर नहीं हैं.