दिल्ली-एनसीआर में कैसे मनाई जा रही है जन्माष्टमी

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नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। दिल्ली के सभी प्रमुख मंदिर कोरोना संक्रमण को देखते हुए सावधानी के साथ जन्माष्टमी त्योहार मना रहे हैं। मंदिरों को बिल्कुल मथुरा वृंदावन की तर्ज पर सजाया गया है। बुधवार देर रात तक भक्त मंदिरों में भगवान की झांकियों के दर्शन कर सकेंगे। रात 12 बजते ही बधाइयां बांटी जाएंगी। साथ ही आरती कर भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा।

वहीं, मंगलवार को भी दोपहर बाद अष्टमी लगने के कारण कुछ भक्तों ने व्रत कर जन्माष्टमी मनाई और मंदिरों में पहुंचकर दर्शन भी किए। हर साल की तरह इस साल भी लोग बिरला मंदिर में जाकर अपने आराध्य भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन साल भक्तों को कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर में भव्य झांकियां देखने को नहीं मिलेगी। मंदिर समिति के प्रबंधक विनोद मिश्रा ने सुबह साढ़े चार बजे से ही भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। जो रात 12 तक खुले रहेंगे।

उन्होंने बताया कि इस साल मंदिर में फोकस लाइट की सजावट की गई है, जो की मंदिर को दिखने में बहुत ही सुंदर बना रही हैं। सभी भक्तों मंदिर में शारीरिक दूरी के साथ दर्शन करेंगे और बाहर जाते जाएंगे। झंडेवालन मंदिर के प्रबंधक रविंद्र गोयल ने बताया कि मंदिर के अंदर भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप गोवर्धन, बांके बिहारी समेत पांच तरह की झांकिया सजाई गईं हैं। मंदिर के अंदर भव्य सजावट की गई है। भक्तों के बीच शारीरिक दूरी बनी रहे, जिसके लिए जगह जगह पर निशान बनाए गए हैं। वहीं, शाम छह बजे से ही भक्तों को सील पैक पंचामृत दिया जाएगा, जिसे लेकर भक्त घर जाएंगे और इससे अपना व्रत खोल सकेंगे।

 

हनुमान मंदिर में सजेगा फूल बंगला

कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने बताया कि इस साल मंदिर में फूल बंगला सजाया जाएगा। ऐसा वृंदावन के मंदिरों में होता है, जहां भगवान का फूल बंगला बनाया जाता है, जो भगवान को बहुत ही प्रिय होता है। वहीं, भगवान श्रीकृष्ण के भव्य श्रृंगार भी किया गया है। इसके अलावा मंदिर के अंदर गुब्बारे की सजावट की गई है। वहीं, आरती के बाद सभी भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा। घर से प्रसाद लेकर आने वाले लोग का भोग भगवान को नहीं लगाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया गया है।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर समिति ने फैसला लिया है कि रात साढ़े आठ बजे के बाद मंदिर में आने वाले लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं, इससे पहले आने वाले भक्त ही भगवान की पूजा अर्चना कर सकेंगे, लेकिन इस बीच उन्हें शारीरिक दूरी और मास्क पहनने अनिवार्य होगा। मंदिर के प्रबंधक तेज प्रकाश शर्मा का कहना है कि मंदिर ने जन्माष्टमी को लेकर पूरी तैयारियां कर ली हैं। मंदिर में भव्य सजावट की गई है।

दिल्ली के अलग-अलग इलाके में रहने वाले कुछ लोगों ने मंगलवार को ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। लोग का कहना है कि दोपहर में अष्टमी लगने के बाद उन्होंने व्रत किया है। वहीं, व्रत रखने वाले लोग रात के समय मंदिर में पहुंचे और भगवान के दर्शन किए। हालांकि दिल्ली के सभी प्रमुख मंदिर में बुधवार को ही जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाएगा।

दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। दिल्ली के सभी प्रमुख मंदिर कोरोना संक्रमण को देखते हुए सावधानी के साथ जन्माष्टमी त्योहार मना रहे हैं। मंदिरों को बिल्कुल मथुरा वृंदावन की तर्ज पर सजाया गया है। बुधवार देर रात तक भक्त मंदिरों में भगवान की झांकियों के दर्शन कर सकेंगे। रात 12 बजते ही बधाइयां बांटी जाएंगी। साथ ही आरती कर भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा।

वहीं, मंगलवार को भी दोपहर बाद अष्टमी लगने के कारण कुछ भक्तों ने व्रत कर जन्माष्टमी मनाई और मंदिरों में पहुंचकर दर्शन भी किए। हर साल की तरह इस साल भी लोग बिरला मंदिर में जाकर अपने आराध्य भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन साल भक्तों को कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर में भव्य झांकियां देखने को नहीं मिलेगी। मंदिर समिति के प्रबंधक विनोद मिश्रा ने सुबह साढ़े चार बजे से ही भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। जो रात 12 तक खुले रहेंगे।

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उन्होंने बताया कि इस साल मंदिर में फोकस लाइट की सजावट की गई है, जो की मंदिर को दिखने में बहुत ही सुंदर बना रही हैं। सभी भक्तों मंदिर में शारीरिक दूरी के साथ दर्शन करेंगे और बाहर जाते जाएंगे। झंडेवालन मंदिर के प्रबंधक रविंद्र गोयल ने बताया कि मंदिर के अंदर भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप गोवर्धन, बांके बिहारी समेत पांच तरह की झांकिया सजाई गईं हैं। मंदिर के अंदर भव्य सजावट की गई है। भक्तों के बीच शारीरिक दूरी बनी रहे, जिसके लिए जगह जगह पर निशान बनाए गए हैं। वहीं, शाम छह बजे से ही भक्तों को सील पैक पंचामृत दिया जाएगा, जिसे लेकर भक्त घर जाएंगे और इससे अपना व्रत खोल सकेंगे।

 

हनुमान मंदिर में सजेगा फूल बंगला

कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने बताया कि इस साल मंदिर में फूल बंगला सजाया जाएगा। ऐसा वृंदावन के मंदिरों में होता है, जहां भगवान का फूल बंगला बनाया जाता है, जो भगवान को बहुत ही प्रिय होता है। वहीं, भगवान श्रीकृष्ण के भव्य श्रृंगार भी किया गया है। इसके अलावा मंदिर के अंदर गुब्बारे की सजावट की गई है। वहीं, आरती के बाद सभी भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा। घर से प्रसाद लेकर आने वाले लोग का भोग भगवान को नहीं लगाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया गया है।

गौरी शंकर में रात साढ़े आठ बजे के बाद नहीं मिलेगा प्रवेश

कोरोना संक्रमण को देखते हुए चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर समिति ने फैसला लिया है कि रात साढ़े आठ बजे के बाद मंदिर में आने वाले लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं, इससे पहले आने वाले भक्त ही भगवान की पूजा अर्चना कर सकेंगे, लेकिन इस बीच उन्हें शारीरिक दूरी और मास्क पहनने अनिवार्य होगा। मंदिर के प्रबंधक तेज प्रकाश शर्मा का कहना है कि मंदिर ने जन्माष्टमी को लेकर पूरी तैयारियां कर ली हैं। मंदिर में भव्य सजावट की गई है।

मंगलवार को भी भक्तों ने मनाई जन्माष्टमी

दिल्ली के अलग-अलग इलाके में रहने वाले कुछ लोगों ने मंगलवार को ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। लोग का कहना है कि दोपहर में अष्टमी लगने के बाद उन्होंने व्रत किया है। वहीं, व्रत रखने वाले लोग रात के समय मंदिर में पहुंचे और भगवान के दर्शन किए। हालांकि दिल्ली के सभी प्रमुख मंदिर में बुधवार को ही जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाएगा।

दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। दिल्ली के सभी प्रमुख मंदिर कोरोना संक्रमण को देखते हुए सावधानी के साथ जन्माष्टमी त्योहार मना रहे हैं। मंदिरों को बिल्कुल मथुरा वृंदावन की तर्ज पर सजाया गया है। बुधवार देर रात तक भक्त मंदिरों में भगवान की झांकियों के दर्शन कर सकेंगे। रात 12 बजते ही बधाइयां बांटी जाएंगी। साथ ही आरती कर भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा।

वहीं, मंगलवार को भी दोपहर बाद अष्टमी लगने के कारण कुछ भक्तों ने व्रत कर जन्माष्टमी मनाई और मंदिरों में पहुंचकर दर्शन भी किए। हर साल की तरह इस साल भी लोग बिरला मंदिर में जाकर अपने आराध्य भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन साल भक्तों को कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर में भव्य झांकियां देखने को नहीं मिलेगी। मंदिर समिति के प्रबंधक विनोद मिश्रा ने सुबह साढ़े चार बजे से ही भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। जो रात 12 तक खुले रहेंगे।

उन्होंने बताया कि इस साल मंदिर में फोकस लाइट की सजावट की गई है, जो की मंदिर को दिखने में बहुत ही सुंदर बना रही हैं। सभी भक्तों मंदिर में शारीरिक दूरी के साथ दर्शन करेंगे और बाहर जाते जाएंगे। झंडेवालन मंदिर के प्रबंधक रविंद्र गोयल ने बताया कि मंदिर के अंदर भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप गोवर्धन, बांके बिहारी समेत पांच तरह की झांकिया सजाई गईं हैं। मंदिर के अंदर भव्य सजावट की गई है। भक्तों के बीच शारीरिक दूरी बनी रहे, जिसके लिए जगह जगह पर निशान बनाए गए हैं। वहीं, शाम छह बजे से ही भक्तों को सील पैक पंचामृत दिया जाएगा, जिसे लेकर भक्त घर जाएंगे और इससे अपना व्रत खोल सकेंगे।

हनुमान मंदिर में सजेगा फूल बंगला

कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने बताया कि इस साल मंदिर में फूल बंगला सजाया जाएगा। ऐसा वृंदावन के मंदिरों में होता है, जहां भगवान का फूल बंगला बनाया जाता है, जो भगवान को बहुत ही प्रिय होता है। वहीं, भगवान श्रीकृष्ण के भव्य श्रृंगार भी किया गया है। इसके अलावा मंदिर के अंदर गुब्बारे की सजावट की गई है। वहीं, आरती के बाद सभी भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा। घर से प्रसाद लेकर आने वाले लोग का भोग भगवान को नहीं लगाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया गया है।

 

कोरोना संक्रमण को देखते हुए चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर समिति ने फैसला लिया है कि रात साढ़े आठ बजे के बाद मंदिर में आने वाले लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं, इससे पहले आने वाले भक्त ही भगवान की पूजा अर्चना कर सकेंगे, लेकिन इस बीच उन्हें शारीरिक दूरी और मास्क पहनने अनिवार्य होगा। मंदिर के प्रबंधक तेज प्रकाश शर्मा का कहना है कि मंदिर ने जन्माष्टमी को लेकर पूरी तैयारियां कर ली हैं। मंदिर में भव्य सजावट की गई है।

 

दिल्ली के अलग-अलग इलाके में रहने वाले कुछ लोगों ने मंगलवार को ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। लोग का कहना है कि दोपहर में अष्टमी लगने के बाद उन्होंने व्रत किया है। वहीं, व्रत रखने वाले लोग रात के समय मंदिर में पहुंचे और भगवान के दर्शन किए। हालांकि दिल्ली के सभी प्रमुख मंदिर में बुधवार को ही जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाएगा।

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