सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले उदयनिधि स्टालिन पर अविलंब कार्रवाई हो, हिंदू जनजागृति समिति की मांग

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सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ राज्य में अबतक कोई एफआईआर दर्ज नहीं होना और उनके बयान का विरोध करने वालों की गिरफ्तारी होना अत्यंत दुखदायी प्रकरण है. उक्त बातें हिंदू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत संगठक शंभू गवारे ने कही.

दोषियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई हो

हिंदू जनजागृति समिति के शंभू गवारे ने यह मांग की है कि हेट स्पीच देने वाले तमिलनाडु राज्य के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और अन्य दोषियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई की जाए. वे हिंदू जनजागृति समिति द्वारा ‘सनातन धर्म क्या डेंगू, मलेरिया समान नष्ट हो जाएगा ?’ विषय पर आयोजित विशेष संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस मौके पर हिंदू जनजागृति समिति के दिल्ली प्रवक्ता नरेंद्र सुर्वे ने उनसे संवाद किया.

तमिलनाडु सरकार जातिवाद नहीं मिटा पाई

विशेष संवाद कार्यक्रम में भारत वॉइस की संस्थापिका गायत्री एन ने कहा कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को नष्ट करना चाहते हैं, परंतु द्रविड़ विचारधारा पर चलनेवाली तमिलनाडु सरकार वहां जातिवाद नहीं मिटा पाई है. वहां जाति को लेकर वाद-विवाद काफी बढ़ गया है. तमिलनाडु में आज हिंदू हताश हो गए हैं . तमिलनाडु में अतिक्रमण के नाम पर हिंदुओं के पुरातन मंदिर तोड़े जा रहे हैं और उन्हें दबाया जा रहा है.

सत्ता के लिए सनातन धर्म की आलोचना

संवाद कार्यक्रम में ‘पी गुरुज होस्ट, मेगा टीवी के भूतपूर्व वृत्तनिवेदक जेके ने कहा- द्रमुक पक्ष की द्रविड़ संस्कृति की विचारधारा सनातनविरोधी है. द्रमुक के नेताओं को लगता है कि यह सब करने से उन्हें सत्ता मिली है. यही वजह है कि वे सनातन धर्म को नष्ट करने की वकालत कर रहे हैं. हिंदुओं को आज संगठित होकर इसका विरोध करना चाहिए, ताकि सनातन धर्म पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी ना कर पाए.

सनातन धर्म को सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया था

गौरतलब है कि पिछले दिनों उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है, अत: इसे खत्म कर देना चाहिए. उन्होंने सनातन धर्म पर और कई विवादित टिप्पणियां कीं, जिसके बाद बीजेपी ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और विपक्षी गठबंधन के नेताओं से इसपर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. कांग्रेस ने उदयनिधि के बयान से किनारा कर लिया. डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन करुणानिधि के पोते हैं. करुणानिधि के बारे में यह कहा जाता है कि वे नास्तिक थे और उन्होंने किसी धर्म को नहीं माना. वे हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करते थे, लेकिन कई बार करुणानिधि ने हिंदुओं पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसकी वजह से वे विवादों में रहे थे. उन्होंने एक बार यह कहा था कि हिंदू धर्म कुछ नहीं है. उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर भी सवाल उठाये थे और कहा कि उनके होने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है.

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