Exclusive: साइंस का स्टूडेंट था हाफ सीए के लिए एकाउंट्स को समझना पड़ा – ज्ञानेंद्र त्रिपाठी

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2011 में एफटीआईआई से पास हुआ था, लेकिन पहला मौका उससे पहले ही मिल गया था. क्राइम पेट्रोल के लिए मेरे एक सीनियर ऑडिशन देने के लिए पुणे से मुंबई आ रहे थे. मैं भी उनके साथ आ गया और हालात कुछ ऐसे बने कि मैंने भी ऑडिशन दे दिया. सीनियर के बजाय मेरा सिलेक्शन हो गया. उसके बाद कोर्स खत्म किया तो क्राइम पेट्रोल में बड़े रोल में दिखने लगा. सबकुछ अच्छा चल रहा था, पहचान और पैसे मिल रहे थे लेकिन समझ आ गया कि इससे बंध गया हूं.एक पहचान बनाना फिर उसे तोडना था. टीवी का अलग सर्कल है फिल्म और वेब सीरीज का अलग. मैंने टीवी छोड़ दिया. फिल्म गब्बर इज बैक एक सीन मिला था वो काफी पसंद किया गया था. उसके बाद रात अकेली है, पूर्णा आयी तो लोगों ने नोटिस किया. लम्बा समय लगा. संघर्ष अभी भी जारी है. मुझे लगता है कि संघर्ष सभी की जिंदगी में होता है, चूंकि हम एक्टर्स हैं. हमें प्लेटफार्म मिल जाता है, तो हम अपना संघर्ष बता देते हैं.

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