आप की नौ महिला प्रत्याशियों में से आठ ने लहराया परचम

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का चुनाव भाजपा और कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों को तो रास नहीं आया, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) की नारी शक्ति ने मजबूती से अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई। आप ने इस बार नौ महिला प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारा, जिसमें से आठ ने मैदान मारते हुए जीत का परचम लहराया। वहीं कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 10 महिलाओं को चुनाव लड़ाया, लेकिन एक की भी जीत नहीं हुई। जबकि भाजपा ने सबसे कम पांच महिलाओं को मौका दिया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। जिस तरह से आप इस चुनाव की सबसे बड़ी पार्टी बनी, उसी तरह से महिला प्रत्याशियों के मामले में भी पार्टी अव्वल रही।

आम आदमी पार्टी ने कालका जी सीट पर अपने विधायक अवतार सिंह कालका का टिकट काटकर आतिशी को मैदान में उतारा। उन्होंने 11 हजार 300 वोट से भाजपा के प्रत्याशी धर्मबीर सिंह को हराया। इसी सीट पर दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी भी चुनाव लड़ रही थीं।

कांग्रेस छोड़ आप की टिकट पर चुनाव लड़ीं धनवंती चंदेला ने राजौरी गार्डन सीट पर भाजपा के रमेश खन्ना को 22 हजार 972 के बड़े अंतर से हराया। राज कुमारी ढिल्लों भी चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ आप में आईं और हरी नगर से भाजपा के तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ चुनाव लड़ा। उन्होंने बग्गा को 20 हजार के अंतर से चुनावी मैदान में पछाड़ दिया।

वहीं शालीमार बाग सीट पर आप की बंदना कुमारी ने भाजपा की प्रत्याशी रेखा गुप्ता को 3400 वोट के अंतर से हरा दिया। मंगोलपुरी सीट को एक बार फिर आप की राखी बिड़ला ने 30 हजार के अंतर से जीता। इसी तरह त्रिनगर सीट पर आप प्रत्याशी प्रीति तोमर ने भाजपा के तिलक राम गुप्ता को 10 हजार 700 वोट से हराया। पालम सीट को आप की भावना गौड़ ने भाजपा के विजय पंडित को 32 हजार से ज्यादा वोट से हराया।

कुल 79 महिलाएं चुनावी मैदान में थीं इस बार : आरके पुरम सीट को भी आप की प्रत्याशी प्रमिला टोकस ने भाजपा के अनिल कुमार शर्मा को 10 हजार मतों के अंतर से हराया। आप की सिर्फ एक महिला प्रत्याशी जो हार गईं, वो सरिता सिंह हैं। रोहताश नगर सीट पर वह भाजपा के जितेंद्र महाजन से 13 हजार 241 वोट के अंतर से हार गईं। इस बार पार्टी और निर्दलीय मिलाकर कुल 79 महिलाएं मैदान में थीं, जबकि 2015 में 66 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं।

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