ओल चिकी भाषा के प्रसार के लिए बच्चों पर ध्यान केंद्रित करें संताली लेखक, ओडिशा में बोलीं राष्ट्रपति
बच्चों को दें ओल चिकी लिपि में छोटी कहानियां पढ़ने की सुविधा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संताली बच्चों को ओल चिकी लिपि में छोटी कहानियां पढ़ने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए, ताकि वे भविष्य में भाषा का विकास कर सकें. ओल चिकी को दिसंबर, 2003 में संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया गया था और भारत सरकार ने इस भाषा को मान्यता दे दी है. सम्मेलन में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम के कई प्रमुख संताली शिक्षाविदों ने भाग लिया. ओडिशा के मंत्री सुदाम मरांडी और जगन्नाथ सरका भी इस दौरान उपस्थित थे.