दिल्ली दंगे में आरोपित उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को होगी

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दिल्ली दंगा मामले में 19 महीने से जेल में बंद उमर खालिद की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में कहा कि उमर खालिद के देश विरोधी बयानों को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ की सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने उमर खालिद के भड़काऊ बयानों और दंगे में उसकी भूमिका को लेकर सही फैसला करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया था।

नई दिल्ली (डीएन24 संवाददाता)। दिल्ली दंगा में आरोपित रहे उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई एक दिन के लिए टाल दी गई है। बृहस्पतिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन इसको एक दिन के लिए टाल दिया गया है। यानी उमर खालिद की जमानत याचिका पर शुक्रवार को अगली सुनवाई होगी। दरअसल बुधवार की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सरकार की आलोचना के लिए उमर खालिद द्वारा इस्तेमाल किए शब्दों पर एतराज जताया था और लक्ष्मण रेखा न लांघन की नसीहत दी थी।

उमर खालिद और अन्य लोगों पर फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों का ‘मास्टर माइंड’ होने के मामले में यूएपीए के तहत मामले दर्ज किये गये थे। उस दौरान दंगों में 53 लोग मारे गये थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। वहीं, जेएनयू शोधकर्ता की उमर खालिद की अपील की सुनवाई बृहस्पतिवार को यह कहते हुए स्थगित कर दी कि उनके कथित ‘आपत्तिजनक भाषण’ की व्याख्या करने वाले उनके नए दस्तावेज रिकॉर्ड में नहीं आए हैं।

दरअसल, दिल्ली दंगा मामले में 19 महीने से जेल में बंद उमर खालिद की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में कहा कि उमर खालिद के देश विरोधी बयानों को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ की सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने उमर खालिद के भड़काऊ बयानों और दंगे में उसकी भूमिका को लेकर सही फैसला करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने उमर के सहयोगियों शिफा उर रहमान और खालिद सैफी की जमानत याचिका खारिज होने के उदाहरण भी कोर्ट के सामने रखे गए।

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