दिल्ली दंगे के आरोपित की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने की खारिज
नई दिल्ली, दिल्ली दंगा मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपित अशरफ अली उर्फ खलनायक की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी। जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि यह दर्दनाक घटना थी, जिसमें मासूम लोग की जान गई और संपत्ति का नुकसान हुआ। पीठ ने कहा कि प्राथमिक तौर पर यह स्पष्ट है कि गैरकानूनी तरीके से एकत्रित हुए लोगों में अशरफ अली शामिल था, जिसने गोदाम में आग लगाई थी, जिसके अंदर फंसे दिलबर नेगी की जलने के कारण मौत हो गई थी। सभी तथ्यों को देखते हुए आरोपित अशरफ की जमानत याचिका खारिज की जाती है।
पीठ ने कहा कि अशरफ के मोबाइल के सीडीआर लोकेशन भी घटनास्थल पर ही मिली है और पुलिस ने पूरक आरोप पत्र में कहा है कि अशरफ अली को क्षेत्र में खलनायक के नाम से जाना जाता है। पीठ ने कहा कि गवाहों के बयान के बजाय यह पुलिस द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में टाइ¨पग-इरर हुआ था। पुलिस ने पूरक आरोप पत्र में कहा कि टाइपिंग की गलती के कारण अशरफ के बजाय अरशद लिखा गया। तीन गवाहों ने भी पुलिस के समक्ष आरोपित की पहचान की है।
अशरफ अली ने गोकुलपुरी थाने में उसके खिलाफ दर्ज मामले में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। वहीं दिल्ली दंगा मामले में हाई कोर्ट ने आरोपित कासिम को 25 हजार रुपये के जमानती एवं उतनी ही राशि के एक निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि पुलिस द्वारा पेश किए गए 11 सीसीटीवी फुटेज में कहीं भी आरोपित नहीं दिखाई दिया।
पीठ ने कासिम को किसी भी साक्ष्य या गवाह को प्रभावित नहीं करने एवं अदालत से बगैर अनुमति लिए कहीं बाहर नहीं जाने का का निर्देश दिया है। पुलिस का आरोप था कि कासिम घटना के दिन ताहिर हुसैन के घर पर था, जहां से पेट्रोल बम, पत्थर फेंक जा रहे थे और उसकी एक पीड़ित व दो पुलिसकर्मियों ने पहचान की है। जबकि आरोपित ने दावा किया था कि वह उस दिन मुरादाबाद के संभल में था। दिल्ली दंगा मामले में दयालपुर थाने में आरोपित के खिलाफ विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।