राजीव गांधी फाउंडेशन की याचिका पर दिल्ली HC ने केंद्र से मांगा जवाब, FCRA लाइसेंस किया गया है रद्द

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नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से दायर दो याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. इन दोनों याचिकाओं पर अदालत की ओर से केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है. राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने केंद्र सरकार की ओर से उनके फॉरेन कंट्रीब्यूशन एक्ट (एफसीआरए) लाइसेंस को रद्द करने को लेकर चुनौती दी है. जस्टिस ज्योति सिंह ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दोनों याचिकाओं पर जवाब मांगा है. इस मामले में अंतिम सुनवाई 23 अगस्त को की जाएगी.

गांधी परिवार से जुड़े हैं दोनों संगठन

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट गांधी परिवार से जुड़े हैं. कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी इन दोनों संगठनों की प्रमुख हैं और राहुल गांधी इसके सदस्य हैं. इसके साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम राजीव गांधी फाउंडेशन के सदस्य हैं. केंद्र की मोदी सरकार की ओर से इन दोनों संगठनों का एफसीआरए लाइसेंस तथाकथित तौर नियमों के उल्लंघन के आरोप में रद्द किए गए हैं.

भाजपा के आरोप के बाद की गई थी जांच

बताया यह जा रहा है कि एक अंतर-मंत्रालयी समिति की ओर से जांच किए जाने के बाद लाइसेंस रद्द किए गए हैं. बताया यह भी जा रहा है कि भाजपा की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद अंतर-मंत्रालयी समिति की ओर से जांच शुरू की गई थी. भाजपा ने आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को चीन के दूतावास से फंड मिला था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने पीएमएलए, एफसीआरए और आईटी अधिनियम जैसे विभिन्न कानूनों के तहत तथाकथित तौर पर नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए एक समिति का गठन किया.

जनवरी 2023 में दायर की गई थी याचिका

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनवरी 2023 में याचिका दायर की गई थी. मामला किसी न किसी कारण से स्थगित हो रहा. पीठ ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि उसने याचिका पर नोटिस जारी करने के लिए आठ सुनवाइयां की है. मामला गुरुवार को भी उठाया गया. हालांकि, केंद्र सरकार के वकील ने पासओवर मांगा, लेकिन पीठ ने कहा कि वह इस मामले में नोटिस जारी करेगी.

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