Covid पर फेक समाचार हो सकता हैं खतरनाक, सरकार को देखभाल की जरूरत- अध्ययन 

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जैसा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों का चलन रहता है और जिससे सरकार भी लड़ रही है। ऐसे में नए अध्ययन से पता चला है कि कोविड -19 के बारे में जानकारी जल्दी से फैलती है, अब चाहे वो फर्जी ही क्यों न हो। ऐसे में गलत सूचना या भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया चैनलों से फैलने वाली किसी की जान पर भारी पड़ सकती है। एस्टोनियाई नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के शोधकर्ताओं ने कहा कि परिणाम घातक हो सकते हैं, क्योंकि अक्सर एक संकट के दौरान, लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने की कोशिश करते हुए सख्त निर्णय लेने के लिए मजबूर हो सकते हैं।

वैज्ञानिक इस बात पर सहमत है कि सरकारों को सोशल मीडिया पर आधिकारिक घोषणाओं को वितरित करने से डरना नहीं चाहिए, बल्कि प्रभावी संचार के लिए सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। एस्टोनिया में तेलिन विश्वविद्यालय में मानव अधिकारों के प्रोफेसर, नेटवर्क हेड मार्ट सूसी ने बताया, ‘महामारी के संदर्भ में, सबूत और सत्यापन की बदलती स्तरों के साथ जानकारी फैलाई जा रही है और अक्सर यह जानकारी सोशल मीडिया पर वितरित की जाती है।’


सूसी ने कहा कि सिविल सोसाइटी और सोशल मीडिया दोनों चैनलों के लिए मुख्य रूप से तथ्य-जांच के लिए तरीके बनाना और इस तरह के चेक के परिणामों को लगातार जारी करना है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि जानकारी को अंधाधुंध हटाना आसान तरीका लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह एक फिसलन ढलान साबित भी हो सकता है।

अब तक वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के बीच जिन बातों पर ध्यान किया गया उनमें सोशल मीडिया पर स्पष्ट मानकों और पारदर्शिता की कमी देखी गई। उन्होंने कहा कि हम सोशल मीडिया से नहीं कहना चाहते कि आप गलत जानकारी से लड़ो, बस इतना कि अगर आप ऐसा करने में सक्षम है तो सबसे पहले करो।

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