केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल के समर्थन पर कांग्रेस में दो फाड़! कई नेताओं ने खोला मोर्चा

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एक तरफ जहां कांग्रेस ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल के समर्थन की घोषणा करती है वहीं कांग्रेस का एक धड़ा केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने दिल्ली से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के विषय पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मंगलवार को पार्टी आलाकमान से आग्रह किया कि वह इस मामले में आम आदमी पार्टी एवं केजरीवाल का समर्थन न करें

सोमवार को कांग्रेस ने की थी समर्थन देने की घोषणा 

आपको बताएं की सोमवार को कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी का समर्थन करेगी, हालांकि पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि अंतिम फैसला समान विचारधारा वाले दलों से बातचीत के बाद ही लिया जाएगा. वहीं आज यानी मंगलवार को कांग्रेस नेता अजय माकन ने ने आला कमान से केजरीवाल का समर्थन नहीं करने की अपील की है.

अजय माकन ने केजरीवाल पर लगाए गंभीर आरोप 

माकन ने कहा, ‘‘केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन मांगा है. हालांकि, उनकी कुछ पिछली राजनीतिक गतिविधियां सवालों के घेरे में हैं. उनकी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में भाजपा के साथ एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से हमारे प्रिय नेता राजीव गांधी जी से भारत रत्न वापस लेने का अनुरोध किया. केजरीवाल ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह भाजपा का समर्थन किया.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘केजरीवाल ने विभिन्न आरोपों पर भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा पर महाभियोग चलाने के दौरान भी भाजपा का समर्थन किया. केजरीवाल विवादास्पद किसान विरोधी कानूनों को लागू करने वाले पहले व्यक्ति थे.

केजरीवाल की भूमिका संदेहास्पद- माकन 

उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी ने गुजरात, गोवा, हिमाचल, असम, उत्तराखंड में भाजपा की मदद की.’’ अजय माकन ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के एक हालिया फैसले का पैरा 95 केंद्र सरकार को कानून में संशोधन करने की अनुमति प्रदान करता है. माकन ने कहा, ‘‘केजरीवाल का समर्थन करना और अध्यादेश का विरोध करना अनिवार्य रूप से पंडित नेहरू, बाबासाहेब आम्बेडकर, सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री और नरसिंह राव के नैसर्गिक विवेक और निर्णयों के विरुद्ध खड़ा होने जैसा होगा.’’

पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि केजरीवाल किसी सहानुभूति के हकदार नहीं

वहीं पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि केजरीवाल किसी सहानुभूति के हकदार नहीं हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से किसी सहानुभूति के हकदार नहीं हैं. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई कर रही है तथा पुलिस एवं जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके उनके जीवन को मुश्किल में डाल दिया है.’’ बाजवा कहा, ‘‘मैं कांग्रेस आलाकमान से अपील करता हूं कि वह आप की मदद करने के बारे में विचार करने से पहले पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक के कांग्रेस नेतृत्व के साथ बातचीत करे. आप भाजपा की बी टीम है. ये दोनों दल एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.’’

केजरीवाल का समर्थन नहीं करने की अपील- पूर्व कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित

पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और कुछ अन्य नेताओं ने भी आलाकमान से केजरीवाल का समर्थन नहीं करने की अपील की है. इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, ‘‘कांग्रेस के संगठन महासचिव (के.सी. वेणुगोपाल) ने विस्तृत ट्वीट किया है. पार्टी का अब तक वही रुख है.’’ कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने सोमवार को कहा था कि इस बारे में उनकी पार्टी ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है तथा समान विचार वाले दलों तथा कांग्रेस की राज्य इकाइयों से विचार-विमर्श करके ही कोई फैसला होगा.

क्या है पूरा मामला?

केंद्र ने आईएएस और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए शुक्रवार को अध्यादेश जारी किया. यह उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण सौंपने के एक सप्ताह बाद आया.

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