मौत के बाद छह को जिंदगी दे गया केरल में 10वीं का टॉपर, जानें कैसे हुआ ये

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केरल के तिरुवनंतपुरम में 10वीं बोर्ड (एसएसएलसी) में फुल ए प्लस ग्रेड पाने वाले छात्र ने रिजल्ट से दो दिन पहले अस्पताल में दम तोड़ दिया, लेकिन वह छह लोगों को अंगदान करके नयी जिंदगी दे गया. 16 वर्षीय इस छात्र के अंगदान का फैसला उसके माता-पिता ने लिया. जरूरतमंदों को अंग ट्रांसप्लांट भी कर दिये गये हैं. छात्र का नाम बीआर सारंग था. वह गवर्नमेंट बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल एटिंगल में पढ़ता था.

रिपोर्ट के मुताबिक, वह फुटबॉल खेलते समय घायल हो गया था. उसे मामूली चोट लगी थी. इलाज के लिए मां उसे अस्पताल ले गयी थी. लौटते समय वह वडक्कोट्टुकव में कुनंथुकोणम पुल के पास ऑटो से उछल कर नीचे गिर गया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आयी और वह कोमा में चला गया. 17 मई को उसकी अस्पताल में मौत हो गयी. दो दिन बाद 19 मई को उसका रिजल्ट आया और बीआर सारंग ने टॉप ग्रेड हासिल किया.

निराशा के पल में औरों की जिंदगी हुई रोशन

छात्र के पिता बिनीश कुमार और माता रजनीश अपने बेटे की मौत से टूट गये थे. हालांकि, निराशा के इसी पल में उन्होंने अपने बेटे के अंगों को दान करने का फैसला किया. सारंग के माता-पिता ने छह लोगों को उसके अंग जैसे आंखें, लीवर, दिल और बोन मैरो दान करने के लिए तैयार हो गये. सारंग का दिल दूसरे दिन कोट्टायम में एक बच्चे के लिए लिया गया. अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिवार को शव सौंप दिया गया.

प्रतिभावान फुटबॉल खिलाड़ी था सारंग

सारंग बेहद प्रतिभावान फुटबॉल खिलाड़ी था. वह एटिंगल में केरला ब्लास्टर्स के प्रशिक्षण सत्र में जाना चाहता था. उसने अस्पताल में उपचार के दौरान भी फुटबॉल के लिए जूते खरीदने की अपनी इच्छा जतायी थी. सैकड़ों छात्र और स्थानीय लोग सारंग को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अंगदान करने के उसके माता-पिता के फैसले से लोगों को समाज सेवा के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.

रिजल्ट घोषित करते हुए भावुक हुए शिक्षा मंत्री

शुक्रवार को जब राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी नतीजे घोषित कर रहे थे, तो टॉपर सारंग की मौत ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसएलसी परिणामों की घोषणा करते हुए वह भावुक हो गये. उन्होंने बताया कि जिस बीआर सारंग की हाल ही में एक दुर्घटना में मौत हुई है, उसने टॉप ग्रेड हासिल किया है. सभी विषयों के लिए पूर्ण ए प्लस ग्रेड हासिल किया है. वह भी बिना ग्रेस मार्क्स के.उन्होंने इस दौरान सारंग को श्रद्धांजलि दी.

देश में बढ़ी है अंगदान करनेवालों की संख्या

एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अंगदान करने वालों की संख्या बढ़ रही है. 2013 में किडनी ट्रांसप्लांट कराने वालों की संख्या 4,037 थी, जो अब बढ़कर 11,423 हो गयी है. लीवर ट्रांसप्लांट वालों की संख्या 2013 में केवल 898 थी, जो 2022 में 3718 हो गयी है. इसी तरह हार्ट ट्रांसप्लांट वालों का आंकड़ा भी 30 से बढ़कर 250 तक हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अंगदान करने वालों की संख्या बढ़ी है, पर ये जरूरत से कम हैं.

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