Chhath Puja 2023: महंगाई पर आस्था भारी, बाजारों में फल- सूप से लेकर बर्तन की बढ़ी डिमांड, जानें कीमत
बांस का बढ़ा मूल्य और उत्पादित समानों का बाजार से नहीं मिल रहे है. उचित मूल्य के कारण कारीगरों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. सूप तैयार करने वाले बताते है कि यह हमलोगों का पुश्तैनी धंधा है. बांस की बहुत किल्ल्त है. झारखंड के साहेबगंज से बांस मंगाया जा रहा है. जिसकी कीमत 300 से 350 रुपये पड़ता है. ऐसे में जो कीमत सूप एवं टोकरी बनाने में पड़ता है, वह भी मुश्किल से निकल पाता है. इस कार्य में पूरा परिवार जिसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक दिन रात एक करके सुप तैयार करते हैं. पर कमाई के नाम पर ज्यादा मुनाफ नहीं होता है. बाजार में एक सूप 70 से 100 रूपये में बिकता है. जबकि एक बांस से मात्र 4 से 5 सूप ही बनता है. उसके बाद इसे बनाने में मेहनत अधिक लगती है. पहले बांस को काटना और छीलना पड़ता है. जिसके बाद बांस को पतला- पतला छीलकर सूप बनाया जाता है. ऐसे में जो दाम बाजार में एक सूप का मिलता है. वहीं, फलों के दाम में इस बार 20 से 25 फीसदी का इजाफा हुआ है. बाजारों में चिनिया केला 400 रूपए से 700 रूपए प्रति घौंद है. अन्नानास 80 से 100 रूपए का जोड़ा बिक रहा है.