चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग, देखें वीडियो
इसरो ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग कराई. इसकी जानकारी इसरो ने खुद सोशल मीडिया पर दी है. इसरो ने कहा कि ‘विक्रम’ लैंडर अपने मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और आगे बढ़ा, यह उम्मीद भरे एक प्रयोग से सफलतापूर्वक गुजरा.
Chandrayaan-3 Mission:
Vikram soft-landed on , again!Vikram Lander exceeded its mission objectives. It successfully underwent a hop experiment.
On command, it fired the engines, elevated itself by about 40 cm as expected and landed safely at a distance of 30 – 40 cm away.… pic.twitter.com/T63t3MVUvI
— ISRO (@isro) September 4, 2023
इसरो की ओर से बताया गया कि कमांड मिलने पर ‘विक्रम’ ने इंजनों को ‘फायर’ किया. अनुमान के मुताबिक करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया. इसरो ने चंद्रमा पर एक बार फिर ‘विक्रम’ लैंडर की सॉफ्टलैंडिंग पर कहा कि इस प्रक्रिया से भविष्य में ‘सैंपल’ वापसी और चंद्रमा पर मानव अभियान को लेकर आशाएं बढ़ीं.
विक्रम की प्रणालियां ठीक तरह से काम कर रही हैं
इसरो की ओर से बताया गया कि विक्रम की प्रणालियां ठीक तरह से काम कर रही हैं और वे ठीक हालत में हैं, लैंडर में मौजूद रैम्प और उपकरणों को बंद किया गया और प्रयोग के बाद पुन: सफलतापूर्वक तैनात किया गया.
रोवर और लैंडर कर रहे हैं ठीक से काम
इससे पहले खबर आई थी कि चंद्रयान-3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चंद्रमा की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है और अब यह निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में चला गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को इस बाबत जानकारी दी है. इससे कुछ घंटे पहले, इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘‘निष्क्रिय’’ किया जाएगा.
चंद्रयान का रिसीवर चालू
इसरो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया है. इसे अब सुरक्षित रूप से ‘पार्क’ (खड़ा) किया गया है और निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में सेट किया गया है. एपीएक्सएस और एलआईबीएस ‘पेलोड’ बंद हैं। इन पेलोड से आंकड़े लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किए जाते हैं. वर्तमान में रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और उसका सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को चंद्रमा पर अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है. इसरो ने कहा कि चंद्रयान का रिसीवर चालू रखा गया है. अपने कार्य के दूसरे चरण के लिए इसके सफलतापूर्वक पुन: जागृत होने की आशा है! अन्यथा, यह हमेशा के लिए भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहीं रहेगा.
सोमनाथ ने क्या कहा
सोमनाथ ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब भी काम कर रहे हैं और ‘‘हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है.