भागवत के बयान को धर्मगुरुओं और प्रबुद्ध वर्ग ने सराहा, कोरोना के खिलाफ एकजुट लड़ाई का किया था आह्वान

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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य व फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि संघ प्रमुख ने देश की 130 करोड़ जनता को भारत माता का सपूत बताया है।

दिल्ली न्यूज़ 24 रिपोर्टर(अमित लाल)। वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर जारी युद्ध और उसके बाद के देश निर्माण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के दर्शन को हिंदू-मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ ही प्रबुद्ध वर्ग ने सराहा है। उनका मानना है कि रविवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने देश की 130 करोड़ जनता को भय व क्रोध से बचते हुए कोरोना के खिलाफ एकजुट लड़ाई का आह्वान किया है। इसके साथ ही स्वदेशी मॉडल आधारित व पर्यावरण हितैषी समाज निर्माण पर जोर देते हुए इस संकट को अवसर में तब्दील करने का रास्ता भी दिखाया है।

आध्यात्मिक गुरु व परमार्थ निकेतन आश्रम के संस्थापक स्वामी चिदानंद ने कहा कि मौजूदा संकट पर भागवत ने स्पष्टता के साथ जो कहा, उससे बेहतर कोई जवाब नहीं हो सकता है। किसी को भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे पूरी मानवता बदनाम हो और कोरोना से जंग में भारत हारे। गूगल और एप्पल जैसी कंपनियां जब इस लड़ाई में साथ आ गई हैं तो जरूरत हम सबको साथ आने की है। भागवत ने जिस तरह कोरोना योद्धाओं का अभिनंदन किया है, उसी तरह हर देशवासी को इन योद्धाओं का सम्मान करना चाहिए।

130 करोड़ जनता को बताया था भारत माता का सपूत

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य व फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि संघ प्रमुख ने देश की 130 करोड़ जनता को भारत माता का सपूत बताया है। उनके इस बयान की वह सराहना और स्वागत करते हैं। भागवत ने समुदाय के लोगों से सद्भावना के लिए आगे आने को कहा है और हम सब आगे जरूर आएंगे। देशभर में भाईचारा बना रहे, इसके हक में 98 फीसद आबादी है। बस 2-3 फीसद लोग हैं, जो माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों की मजम्मत भी सख्त लहजे में होनी चाहिए।

संघ प्रमुख की बात एकदम सही: शाही इमाम मौलाना मोहसिन

शिया जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मोहसिन तकवी ने भी भागवत के बयान से सहमति जताई। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख की बात एकदम सही है, कुछ लोग गलती करें तो कटघरे में पूरे समाज को खड़ा नहीं करना चाहिए। तब्लीगी जमात के शीर्ष नेतृत्व ने गलती की, लेकिन बदनामी नीचे वालों की भी हुई। आज जरूरत आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ कोरोना से लडऩे की है। यह बीमारी किसी एक कौम की नहीं बल्कि हर कौम की दुश्मन है। संक्रमण फैलेगा तो हर व्यक्ति चपेट में आएगा।

अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम डॉ उमेर अहमद इलयासी ने कहा कि जिस तरह का संकट है। उसमें भागवत का बयान देश के सभी वर्ग को एक साथ जोड़ता है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, निडरता और अनुशासन से इस संकट से देश को उबारेंगे। मानवता को बचाने के लिए हम सभी को रमजान में ज्यादा इबादत और दुआ करनी चाहिए। ताकि ईद से पहले हम कोरोना से मुक्त हो सकें।

विकास का वैकल्पिक मॉडल भी सुझाया

महाराजा अग्रसेन कालेज के प्राचार्य व राजनीतिक विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर संजीव कुमार तिवारी ने कहा कि उन्होंने मिलकर मौजूदा संकट से निकलने का रास्ता बताते हुए विकास का वैकल्पिक मॉडल भी सुझाया है, जो न पूंजीवादी हो और न साम्यवादी। बल्कि वह पूरी तरह से स्वदेशी मॉडल हो। यह आने वाले समय में वैश्विक मॉडल भी हो सकता है। इसी तरह उन्होंने प्रकृति के संरक्षण की भी बात कही है। भारतीय संस्कृति और रहन-सहन ने इस आपदा में जिस तरह से खुद को स्थापित किया है। उसे अवसर के रूप में देखने का दर्शन दिया है। छह अवगुणों को त्यागने को कहा। साथ ही कोरोना पर समाज और सरकार की तत्परता की सराहना की है। कुल मिलाकर पूरे समाज के लिए इसमें मार्गदर्शन है।

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