पापुआ न्यू गिनी के बाद आज ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे PM Modi, हिंद प्रशांत की सुरक्षा समेत कई मुद्दे पर होगी चर्चा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारापे और गवर्नर जनरल बॉब डाडे से अलग-अलग वार्ता की. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत करने पर भी जोर दिया. अपने दौरे के अगले चरण में पीएम मोदी आज ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे. बता दें, रविवार को जापान में जी-7 की बैठक में शिरकत करने के बाद पीएम मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंचे थे. प्रधानमंत्री मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज काफी उत्सुक हैं. उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी का स्वागत कर उन्हें बहुत खुशी होगी.

पीएम मोदी के जोरदार स्वागत की तैयारी: इधर, पीएम मोदी के दौरे से पहले ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज का बयान आया है. उन्होंने पीएम मोदी के दौरे पर खुशी जाहिर की है. अपने बयान में अल्बानीज ने कहा कि पीएम मोदी की ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा की मेजबानी करने पर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. इस साल मार्च में भारत दौरे पर मिले प्यार से मैं अभिभूत हूं. ऑस्ट्रेलिया और भारत एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्धि हिंद प्रशांत महासागर के लिए समर्पित हैं. साथ में हम अहम भूमिका निभा सकते हैं. एक दोस्त और सहयोगी के तौर पर दोनों देश कभी भी इतने करीब नहीं थे. पीएम मोदी की सिडनी में भारतीय समुदाय से मुलाकात को लेकर भी हम उत्साहित हैं.

गौरतलब है कि बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोर्ट मोरेस्बी में इला बीच के किनारे स्थित ऐतिहासिक एपेक हाउस पहुंचे. प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. दोनों नेता क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए एफआईपीआईसी तृतीय शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी करेंगे. बागची के अनुसार, दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी कदमों के साथ ही लोगों के बीच परस्पर संबंधों को मजबूत करने समेत कई मुद्दों पर बातचीत की.उन्होंने कहा, भारत-पापुआ न्यू गिनी के संबंधों में तालमेल बैठाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री जेम्स मारापे से सार्थक द्विपक्षीय बैठक की.

पीएम मोदी ने पोर्ट मोरेस्बी में एफआईपीआईसी तृतीय शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी के लिए प्रधानमंत्री मारापे की सराहना की. उन्होंने कहा, व्यापार तथा निवेश, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत करने पर चर्चा की गयी. जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी कदमों और लोगों के बीच परस्पर संबंधों को बढ़ावा देने से जुड़े मुद्दों पर भी बातचीत की गयी. एफआईपीआईसी का गठन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान किया गया था. यह शिखर सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रह है जब चीन क्षेत्र में अपनी सैन्य और कूटनीतिक ताकत बढ़ाने के प्रयास कर रहा है.

भाषा इनपुट से साभार

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