मध्यप्रदेश में होगा बहुमत परीक्षण? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में जारी सियासी संकट पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई शुरू कर दी है। कांग्रेस विधायकों की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील दुष्यंत दवे ने कहा, ‘आज हम एक अजीब स्थिति में हैं। मध्यप्रदेश की जनता ने कांग्रेस पर विश्वास किया था। उस दिन एक प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी ने विश्वास प्रस्ताव जीता था।’ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दवे ने कहा, पिछले 18 महीनों से एक स्थिर सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने न्यायालय को बताया कि भाजपा ने बल का इस्तेमाल किया है और वह संभवतः लोकतांत्रिक सिद्धांतों को नष्ट कर सकती है।
कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया विधायकों को धमकाने का आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे गए बागी विधायकों के त्यागपत्रों के मामले में जांच की आवश्यकता है। कांग्रेस ने न्यायालय में आरोप लगाया कि राज्य में उसके बागी विधायकों के इस्तीफे बलपूर्वक और डरा धमका कर ले जाए गए हैं और यह उन्होंने स्वेच्छा से ऐसा नहीं किया है। कांग्रेस ने कहा कि बागी विधायकों को भाजपा चार्टर्ड विमानों से ले गई और उन्हें एक रिजॉर्ट में रखा गया है।
कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि भाजपा नेता होली के दिन अध्यक्ष के आवास पहुंचे और उन्हें बागी 19 विधायकों के इस्तीफे सौंपे, यह इस मामले में उनकी भूमिका दर्शाता है। अध्यक्ष के पास सर्वोच्च अधिकार है, मध्य प्रदेश के राज्यपाल उनके अधिकार का हनन करने की कोशिश कर रहे हैं। राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री या अध्यक्ष को रात में शक्ति परीक्षण का आदेश देने का अधिकार नहीं है।