भोपाल में 13 लोगों ने शुरू की थी तब्लीगी जमात, अब जुटते हैं लाखों

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दिल्ली न्यूज़ 24 रिपोर्टर। भोपाल में करीब 76 साल पहले 13 लोगों ने तब्लीगी जमात की शुरुआत की थी। अब यहां देश स्तर का सबसे बड़ा जलसा प्रति वर्ष आयोजित होता है। इसमें 13-14 लाख लोग शामिल होते हैं। उत्त्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के कांधला में 1885 में जन्मे मोहम्मद इलियास कांधलवी ने 1927 में तब्लीगी जमात की नींव रखी थी, लेकिन भोपाल में इस विचारधारा को सबसे बड़ा मुकाम मिला।

देवबंदी विचारधारा से प्रभावित मुसलमानों ने धार्मिक आंदोलन के लिए इसे अभियान के तौर पर आगे बढ़ाया। दुनियाभर के इस्लामिक देशों में तब्लीगी जमात का जलसा होता रहता है। भोपाल में यह जलसा नवंबर-दिसंबर में होता है। जानकार बताते हैं कि तब्लीगी इज्तिमा की शुरुआत भोपाल में 1944 में हुई थी। तब सिर्फ13 लोग ही अभियान में शामिल थे।

तब्लीगी जमात को मोहम्मद इमरान खान और मौलाना याकूब बड़े पीर साहब ने पुष्पित और पल्लवित किया। शुरुआत एक छोटी मस्जिद से हुई और बाद में एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में शुमार ताजुल मस्जिद में आयोजन होने लगा। देश-विदेश से भारी संख्या में लोगों के आने पर इसे शहर के बाहर ईटखेड़ी में आयोजित किया जाने लगा। नवंबर में होने वाले इस आयोजन की तैयारी छह माह पहले ही शुरू हो जाती है।

गलत व्याख्या की जा रही: हाजी हारून

जमीयत-ए-उलेमा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून कहते हैं कि तब्लीगी जमात की गलत व्याख्या की जा रही है। निजामुद्दीन में सिर्फ मस्जिद नहीं, बल्कि तब्लीगी जमात का केंद्र है। वहां हॉस्टल है और देश-दुनिया के प्रतिभागी वहां जुटते हैं। कोरोना का लॉकडाउन हुआ तो वहां भी लोग लॉकडाउन हो गए। उन लोगों को जैसी सहूलियत मिल रही है, उस हिसाब से निकल रहे हैं।

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