हल्द्वानी में खुलेगी उत्तराखंड की पहली आईटी एकेडमी, फिलहाल शिलापट्ट पर ही है प्रस्ताव
वर्तमान दौर में शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी का एक अहम योगदान है। स्कूलों-कॉलेजों में पढ़ाई का माध्यम भी तकनीकी ने आसान बना दिया है। इस सब के बावजूद शिक्षा का हब माने जाने वाले महानगर हल्द्वानी में पिछले पांच साल से उत्तराखंड की पहली आइटी एकेडमी महज एक ‘पत्थर’ पर चल रही है। इस एकेडमी को चलाने के लिए एक अदद छत तक नहीं बन सकी है। एकेडमी शुरू हो तो सूबे के युवाओं के लिए संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। बच्चे प्रोफेशनल एजुकेशन से बेहतर कॅरियर बना सकते हैं।
दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में राज्य में अहम भूमिका निभा रहे उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) में आईटी एकेडमी बनाने की कवायद 2016 में शुरू हुई। उस समय तकनीकी का प्रयोग अपने चरम पर था। हैरानी वाली बात है तकनीक के इस युग में न तो सरकारों ने राज्य की इस पहली आईटी एकेडमी को धरातल पर लाने में कोई दिलचस्पी दिखाई और न ही विवि प्रशासन से उस समय कोई बड़ा प्रयास हुआ। पांच साल से एकेडमी के नाम पर विवि परिसर में एक पत्थर लगा हुआ है। जिसपर लोकार्पण करने वाले माननीयों और यूओयू के तत्कालीन अफसरों के नाम बड़े-बड़े अक्षरों में खुदे हुए हैं।
यूओयू मुख्यालय में रखी गई आधार शिला
हल्द्वानी के तीनपानी स्थित उत्तराखंड मुक्त विवि के परिसर में आठ दिसंबर 2016 को पहली आईटी एकेडमी की आधारशिला रखी गई। तत्कालीन राज्य सरकार में उच्च शिक्षा एवं वित्त मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश व पद्मश्री पुष्पेश पंत ने इसका शिलान्यास किया था।
इन उद्देश्यों की होगी पूर्ति
आईटी एकेडमी बनाने का उद्देश्य उत्तराखंड को दुनिया के डिजिटल अभियान में शामिल करना था। माना जा रहा था कि आईटी एकेडमी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शामिल करेगा। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहे युवाओं व सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए एकेडमी किसी वरदान से कम नहीं होती। यह देश की ऐसी अकादमी होती जिसमें डिजिटल कंटेंट्स का भंडार, प्रसार एवं विस्तार होता।
एकेडमी खुलने के फायदे
ग्राफिक डिजाइनिंग, वेब डिजाइनिंग, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, मोबाइल एप डेवलपमेंट, एनिमेशन, वीडियो एडिटिंग, वीडियो गेम डेवलपमेंट, लाइव प्रोजेक्ट ट्रेनिंग में दक्षता हासिल हो सकेगी। यूओयू के कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने बताया कि आईटी एकेडमी को धरातल पर लाने के कई प्रयास किए। कई बार सीएम, उच्च शिक्षा मंत्री को इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है। शासन को कई बार प्रस्ताव भी भेजा गया है। आईटी एकेडमी की वर्तमान समय में बेहद जरूरत है।