सूरजकुंड मेला हुआ कैंसिल, विश्व पुस्तक मेले को थ्रीडी तकनीक से आयोजित करने की तैयारी

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कोरोना ने आम लोगों से साल 2020 में कई चीजें छीन ली। कोरोना के कारण प्रशासन को कई सार्वजनिक समारोहों को ही कैंसिल करना पड़ा। कोरोना ने नवंबर माह में दिल्ली के प्रगति मैदान में होने वाले अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले को कैंसिल करवा दिया था, इसी तरह से अब विश्व प्रसिद्ध सूरजकुंड मेले को भी कैंसिल कर दिया गया है।

हरियाणा के फरीदाबाद स्थित सूरजकुंड इलाके में होने वाले इस मेले में दुनियाभर के कलाकार शामिल होते थे। 15 दिनों तक चलने वाले इस मेले में हस्तशिल्पी और तमाम जगहों के कलाकार आकर अपनी कला का प्रदर्शन करते थे।

एक से लेकर 16 फरवरी तक होता है सूरजकुंड मेले का आयोजन

मालूम हो कि हर साल एक फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक सूरजकुंड मेले का आयोजन किया जाता है। हरियाणा पयर्टन विभाग तथा सूरजकुंड मेला प्रबंधन मिलकर इस मेले का आयोजन करते हैं। हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूरजकुंड मेले की शुरुआत की गई थी। मेले में हर वर्ष करीब 1100 शिल्पियों के स्टाल लगते हैं। देश-विदेश के हजारों कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। बता दें कि साल 2020 में एक से 16 फरवरी तक 34वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 2020 आयोजित किया गया था। उज्बेकिस्तान पार्टनर कंट्री तथा थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश रहा था।

कोरोना की वजह से पहली बार हुआ कैंसिल

कोरोना के चलते पहली बार ये मेला कैंसिल किया गया है। कोरोना संकट के चलते मेला आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी मगर दो दिन पहले ये स्पष्ट कर दिया गया कि इस बार इस मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। जो कलाकर मेले में आते थे वो हस्तशिल्पी और कलाकार सूरजकुंड मेला प्रबंधन से इस बारे में पूछताछ कर रहे थे जिनको अब स्पष्ट जवाब दे दिया गया है।


राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में हर साल अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का भी आयोजन किया जाता है मगर इस बार मार्च माह में कोरोना के चलते सारे काम बंद हो गए। मजदूर वापस चले गए, प्रगति मैदान में व्यापार का आयोजन करने के लिए नए सिरे से चीजों को बनाया जा रहा था मगर वो सारे काम रूक गए। इस वजह से मेले का आयोजन रद्द कर दिया गया।

वर्जुअल तरीके से विश्व पुस्तक मेले का आयोजन


उधर विश्व पुस्तक मेले का आयोजन वर्जुअल तरीके से करने को लेकर तैयारियां की जा रही है। हर साल इसका आयोजन जनवरी माह में किया जाता था मगर इस बार ये फरवरी में आयोजित किया जा रहा है वो भी वर्चुअल होगा। हां, इतना अवश्य है कि थ्रीडी तकनीक की मदद से मेले को आकर्षक बनाने की तैयारी चल रही है ताकि घर में रहकर भी पाठकों और दर्शकों को मेले में होने का एहसास हो सके।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) व भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन (आइटीपीओ) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन प्रगति मैदान में हर साल जनवरी के पहले-दूसरे सप्ताह में किया जाता है। इस मेले में देश-दुनिया के सैंकड़ों प्रकाशक भाग लेते हैं और स्टालों की संख्या 1,300 से 1,500 तक चली जाती हैं। इस बार कोविड-19 संक्रमण के चलते पुराने स्वरूप में इसके आयोजन पर ग्रहण लग गया है। इस बार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनबीटी को मेले का आयोजन रद करने के बजाय इसे वर्चुअल रूप में करने की स्वीकृति दे दी है।

थ्रीडी तकनीक से होगा विश्व पुस्तक मेले का दीदार

मंत्रालय की स्वीकृति के बाद एनबीटी ने 29वें विश्व पुस्तक मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि इसे दिल्ली पुस्तक मेले की तरह औपचारिकता के लिए नहीं लगाया जाएगा। एनबीटी की नजर में वह तो एक डिजिटल पेज की तरह था, जबकि विश्व पुस्तक मेले को थ्रीडी तकनीक की सहायता से कुछ इस तरह लगाया जाएगा कि इससे जुड़ने पर बिल्कुल ऐसा लगे कि जैसे मेले में ही घूम रहे हों।


मेले में भारतीय ही नहीं, विदेशी प्रकाशकों के भी स्टाल होंगे। मेले की थीम हालांकि अभी तय नहीं हो सकी है, लेकिन थीम मंडप भी बनाया जाएगा। वर्चुअल मेले के बेहतर आयोजन के लिए बाकायदा किसी आइ टी फर्म की सेवाएं ली जाएंगी, जिसके लिए जल्द ही टेंडर भी निकाला जाएगा।

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