सरसों तेल ही नहीं, रिफाइन तेल में भी लगी है आग, जानें कब सस्‍ता होगा

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Mustard Oil Price किचन का सबसे महत्वपूर्ण पदार्थ सरसों के तेल का दाम बढ़ गया है। इसके साथ ही इसका वैकल्पिक रिफाइन ऑयल की कीमत भी बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि जिन प्रदेशों में सरसों तेल का उत्पादन होता है, वहां से प्रवासी मजदूर वापस अपने गांव आने लगे। इस वजह से उत्पादन कम होने लगा। हालांकि पिछले वर्ष लॉकडाउन लगने के बाद से ही सरसों तेल की कीमत धीरे-धीरे बढ़ने लगी थी। प्रवासी मजदूरों के पूरी तरह से वापस आने के बाद उत्पादन लगभग बंद हो गया। इससे सरसों तेल के दाम अभी 150 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहे हैं।

इसका एक दूसरा कारण यह माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के दौरान खेतों में सरसों की उपज कम हुई। इससे तेल मिलों को पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध नहीं हो पाया। इधर, किसान आंदोलन कर रहे थे और उधर, खेत सूने पड़े हुए थे। हालात यह है कि इससे किचन का बजट गड़बड़ा गया है। हालांकि प्रवासी मजदूरों के वापस काम पर लौटने के बाद उत्पादन बढ़ेगा, लेकिन जब तक पर्याप्त स्टॉक नहीं हो जाता, सरसों तेल की कीमत घटने की उम्मीद नहीं की जा सकती।


दूसरी ओर पाम ऑयल के आयात पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने और सरसों तेल में किसी अन्‍य तेल को मिलाने पर रोक लगाने से भी सरसों तेल की कीमत पिछले साल से ही बढ़नी शुरू हाे गई थी। अभी वर्तमान में खुदरा बाजार में सरसों तेल 150 रुपये प्रति लीटर से भी अधिक कीमत पर बिक रहा है। रिफाइन ऑयल भी 150 रुपये प्रति लीटर के आसपास मिल रहा है।

रांची के बाजार में सरसों तेल का हाल


रांची के अपर बाजार के थोक व्यापारी बताते हैं कि रांची के बाजार में अप्रैल 2020 के मुकाबले अप्रैल 2021 में खाद्य तेलों की कीमतों में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल में रांची के बाजार में खाने के तेल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। पाम तेल की कीमत 87 रुपये लीटर से उछलकर 121 रुपये, सूरजमुखी तेल 106 से 157, वनस्पति तेल 88 से 121 और सरसों का तेल 117 से 151 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। साथ ही, मूंगफली तेल की कीमत पिछले वर्ष अप्रैल में 139 रुपये लीटर थी जो इस वर्ष 165 रुपये है, जबकि सोया तेल में भी लगभग 33 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है।

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