सरकारी अधिवक्ताओं के बिल का करें भुगतान, नहीं तो अधिकारियों का रोकेंगे वेतन : हाई कोर्ट

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दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को चेताया कि सरकारी अधिवक्ताओं के बिल का जल्द भुगतान नहीं हुआ तो सचिव स्तर लेकर वरिष्ठ अधिकारियों का वेतन पर रोक लगा दी जाएगी। सरकारी अधिवक्ताओं के बिल का भुगतान न करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि अधिवक्ताओं को छह महीने या इससे भी अधिक समय से लंबित बिल या वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा हो। हालांकि, इस पर विभिन्न एजेंसियों ने बिलों का भुगतान करने के लिए और समय देने की मांग की है।

याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को चेतावनी

सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि पैनल के अधिवक्ताओं के लिए नौ करोड़ रुपये स्वीकृत हैं और सभी का भुगतान कर दिया गया है। वहीं, नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो की तरफ से पेश केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल ने कहा कि अधिवक्ताओं के बिल एनसीबी को भेज दिए गए हैं और यह भुगतान की प्रक्रिया में है।


जल्द बिल का भुगतान करने का निर्देश

पीठ ने प्राधिकारियों को जल्द बिल का भुगतान करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। अधिवक्ता पीयूष गुप्ता ने याचिका दायर कर कहा है कि सरकारी अधिवक्ता न्याय दिलाने में एक अहम भूमिका अदा करते हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन को अधिवक्ता की अजीविका का कोई ख्याल नहीं है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से सरकारी अधिवक्ताओं, लोक अभियोजक और विभिन्न विभागों के पैनल में शामिल अधिवक्ताओं के बिल का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने हाई कोर्ट द्वारा सितंबर 2015 में दिए गए एक निर्देश का हवाला दिया, जिसमें अदालत ने सरकारी अधिवक्ताओं के बिल का भुगतान जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया था। उन्होंने इसके साथ ही बिलों को जमा करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने का भी निर्देश देने की मांग की।

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