सदन की बैठक में विपक्ष का जोरदार हंगामा, वेल में पहुंचे AAP के पार्षद
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के बीच कर्ज वसूली शुरू कर दी है। सरकार ने 216 करोड़ रुपये काट लिए। इस वजह से निगम कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहा है। इस प्रस्ताव पर विपक्ष बिफर पड़ा।
नेता विपक्ष नेता मनोज त्यागी और विधायक अब्दुल रहमान के साथ सभी आप पार्षद वेल में आकर हंगामा करने लगे। आप नेताओं का कहना था कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के 13 हजार करोड़ रुपये बकाया है। निगम में भाजपा सत्ता है। वह केंद्र से पैसा लेकर आएं। इस पर सत्ता पक्ष ने कहा कि निगम को फंड दिल्ली सरकार देती है। इसके साथ सत्ता पक्ष ने कोरोना मामलों में बढ़ोत्तरी को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। भाजपा पार्षदों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है, दिल्ली की स्थिति बदतर हो चुकी है। रोज सौ से ज्यादा लोग मर रहे हैं।
नए मास्टर प्लान में व्यापारियों की समस्याओं का रखेंगे ध्यान: वर्मा
वहीं, दिल्ली विकास प्राधिकरण के सदस्य और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन योगेश वर्मा ने कहा कि नए मास्टर प्लान में व्यापारियों की समस्याओं का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी की व्यापारियों को मास्टर प्लान-2021 में जो समस्याएं ङोलनी पड़ी हैं वह मास्टर प्लान 2041 में न हो।
सिविक सेंटर में व्यापारियों के साथ बैठक करते हुए वर्मा ने कहा कि वह लगातार व्यापारियों से नए मास्टर प्लान को लेकर सुझाव मांग रहे हैं। इन सुझावों का उद्देश्य व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करना है। उन्होंने कहा कि जो भी सुझाव आ रहे हैं उन पर गहन चर्चा की जाएगी। इसके बाद कोशिश की जाएगी कि इन सुझावों को मास्टर प्लान में शामिल किया जाए।
वर्मा ने यह भी कहा कि दिल्ली में व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मेरी दिल्ली सुंदर और स्वच्छ कैसे बने इसके लिए डीडीए के उपाध्यक्ष को भी अवगत कराया जाएगा। नेता सदन ने बताया कि छोटे दुकानदारों को सुविधाएं मिलनी चाहिए और साथ में जो अन्य दुकानें हैं, उनकी श्रेणी को भी बदलने के लिए डीडीए को कहा जाएगा, ताकि व्यापारियों को समस्याएं न हो।