विशाल पहाड़ी गांव में पेड़ पर लटक रही लाैकी, कृषि वैज्ञानिक ने बताई यह बात

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लाैकी ( Pumpkin) को हमलोगों ने अब तक लत में लगते व उगते देखा है। घरों के छज्जे, दीवार व बाड़ी में लाैकी लटकी हुई दिख जाती है। लेकिन क्या कभी लाैकी पेड़ देखी है ? निरसा प्रखंड अंतर्गत भागाबांध पंचायत के विशाल पहाड़ी गांव के किसान सुभाष चंद्र हेंब्रम के घर पर पेड़ पर लौकी लगती है। लोग कौतूहलवश उनके घर जाकर लाैकी के पेड़ को देखते हैं और आश्चर्यचकित रह जाते हैं। हेंब्रम पिछले दो साल से इस पेड़ की लाैकी खा रहा हैं।

पांच वर्ष पहले लगाया था पाैधा

हेंब्रम बताते हैं कि 5 वर्ष पूर्व एक व्यक्ति उनके गांव आया था। बोला कि लाैकी का पेड़ ले लो। मैं भी आश्चर्य में पड़ गया था परंतु उससे पौधा खरीद कर लगा दिया। पांच साल के बाद वह फल देने लगा। पहली बार मुझे भी विश्वास नहीं हुआ था परंतु 2 सालों से पेड़ के लौकी की सब्जी खा रहा हूं। पेड़ की ऊंचाई लगभग 20 से 25 फीट है। उस पर गोल गोल लाैकी लगता है। दूर से देखने पर लगता है कि यह शायद यह आम का पेड़ हो। लौकी हरी पतियों से भरा रहता है। इसकी पत्तियां अमरुद के पत्तों जैसी दिखती है।


पेड़ पर फलने वाली लाैकी पर चल रहा शोध: डॉ आदर्श

कृषि विज्ञान केंद्र बलियापुर कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक डॉ आदर्श कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि पेड़ पर उगे लाैकी का इस्तेमाल दवाई के रूप में होता होगा। परंतु यह सब्जी के उपयुक्त नहीं है। हालांकि, इस पर शोध चल रहा है।

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