राष्‍ट्रपति कोविंद की पुस्‍तकों ‘द रिपब्लिकन एथिक’ और ‘लोकतंत्र के स्‍वर’ का विमोचन, जानें क्‍या है इनमें खास

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रक्षा मंत्री ने कहा कि चाहे संसद के दोनों सदनों के संयुक्‍त अधिवेशन को संबोधित करना हो या चाहे संविधान सभा के मौके पर उनका उद्बोधन हो, चाहे महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंति के मौके पर दिया गया उनका भाषण हो… इन पुस्‍तकों के एक संस्‍करण में दिए गए हैं। इन पुस्तकों में खास तौर पर राष्ट्रपति के कार्यकाल के तीसरे साल में दिए गए भाषण शामिल हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने कई बार देखा है कि राष्‍ट्रपति महोदय जो कहते हैं वह करते भी हैं। ये पुस्तकें भारत के वर्तमान युग की तस्‍वीर हैं।

उल्‍लेखनीय है कि पिछले साल भी राष्‍ट्रपति के संबोधनों का संकलन ‘लोकतंत्र के स्वर’ शीर्षक से हिंदी और ‘दि रिपब्लिकन एथिक’ शीर्षक से अंग्रेजी का प्रकाशन हुआ था। उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने राष्‍ट्रपति के भाषण संग्रह वाली इन पुस्‍तकों का विमोचन किया था। इन दोनों पुस्तकों में राष्ट्रपति के कार्यकाल के दूसरे साल के 95 संबोधनों का संकलन समावेशित था। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा था कि राष्ट्रपति कोविंद के भाषणों का संग्रह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक की झलक को दर्शाता है।

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