बेहद खास होगी देश की नई संसद भवन की इमारत, 2022 में इसमें शुरू हो जाएंगी बैठकें

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों संसद की नई इमारत के शिलान्यास के साथ ही निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। देश की आजादी के 75वें साल यानी वर्ष 2022 में संसद के दोनों सदनों की बैठकें आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस नए भवन में होंगी। पुराना भवन प्राचीन धरोहर का हिस्सा बन जाएगा। श्रम शक्ति भवन को तोड़कर उसकी जगह नई इमारत बनाई जाएगी, जिसमें हर सांसद का अपना कार्यालय होगा।

लोस अध्यक्ष ने पीएम को दिया न्योता

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर नए संसद भवन के भूमि पूजन व शिलान्यास समारोह का न्योता दिया। इसके बाद बिरला ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि आजाद भारत में बनाए जाने वाले नए संसद भवन का शिलान्यास हमारे लिए अत्यंत गौरव का विषय है। संसद के मौजूदा भवन में सांसदों के संवैधानिक दायित्व के निर्वाहन के लिए आधुनिक युग के हिसाब से कई कमियां हैं। नई इमारत विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के गौरव के अनुरूप होगी।


दिखेगी संस्कृति व धरोहरों की झलक

नए भवन की ऊंचाई संसद के मौजूदा भवन के बराबर ही होगी। इसमें एक बेसमेंट सहित तीन फ्लोर होंगे। नई इमारत पुरानी से करीब 17,000 वर्गमीटर ज्यादा बड़ी होगी। इसमें देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के सफर के साथ-साथ विविध संस्कृति और धरोहरों की झलक दिखेगी।

जोड़े गए शिल्पकार व कलाकारों के संगठन


आधुनिक भवन में देश की विरासत के इतिहास और विविधता को दर्शाने के लिए करीब 200 शिल्पकार और कलाकारों के संगठनों को भी निर्माण कार्य से जोड़ा गया है। पुराने संसद भवन के उपयोग के सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह हमारे देश की आजादी, संविधान निर्माण के साथ लोकतंत्र के परिपक्व होने का साक्षी है, जिसे पुरातात्विक संपत्ति के रूप में बेहतर तरीके से रखा जाएगा।

सभी दलों को भेजा जाएगा निमंत्रण


शिलान्यास के मौके पर राष्ट्रपति और राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाने के सवाल पर बिरला ने कहा कि कोविड प्रोटोकाल के तहत इस बारे में अंतिम फैसला लिया जा रहा है। बेशक सभी दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा, जिनमें कुछ लोग सीधे तो कुछ वर्चुअल रूप से समारोह में शामिल होंगे।

अंडरग्राउंड टनल से जुड़ेगा सांसदों का दफ्तर

सांसदों के कार्यालय कक्ष से जुड़े सवाल पर बिरला ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से लैस इस कार्यालय कक्ष में सांसद के साथ उनके निजी सहायक के बैठने की भी व्यवस्था होगी। इस भवन को अंडरग्राउंड टनल के जरिये नए संसद भवन से जोड़ा जाएगा।


83 लाख में बना था मौजूदा संसद भवन

मौजूदा संसद भवन का निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में किया गया था। इसकी नींव 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी। भवन का निर्माण 83 लाख रुपये की लागत से छह साल में पूरा हुआ था। तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने 18 जनवरी, 1927 को इसका उद्घाटन किया था। इस भवन की डिजाइनिंग एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने की थी। ब्रिटिश सरकार ने इन्हें नई दिल्ली के नियोजन व निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी थी।


संसद का नया भवन ईंट- पत्थर का नहीं, बल्कि 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं का भवन होगा। इसके निर्माण में अगले 100 साल से अधिक की जरूरतों पर ध्यान दिया जा रहा है।

ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष

नए भवन की खासियत पर एक नजर

888 सदस्यों के बैठने की लोकसभा कक्ष में होगी व्यवस्था (सामान्य स्थिति में)
326 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी राज्यसभा कक्ष में
1,224 सदस्य संयुक्त अधिवेशन के दौरान बैठ सकेंगे लोकसभा कक्ष में
2,000 मजदूर और इंजीनियर प्रत्यक्ष तौर पर निर्माण कार्य में शामिल होंगे
9,000 से अधिक लोग परोक्ष रूप से जुड़ेंगे निर्माण कार्य से
971 करोड़ रुपये खर्च होंगे नए संसद भवन के निर्माण पर
64,500 वर्ग मीटर में फैला होगा नया संसद भवन
2022 अक्टूबर में पूरा हो जाएगा भवन का निर्माण
नवंबर-दिसंबर से संसद के दोनों सदनों की बैठकें नए भवन में होंगी
40 वर्गमीटर का दफ्तर हर सांसद को मिलेगा
देश की प्रतिष्ठित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट कर रही है भवन का निर्माण
तीन मंजिला होगा नया संसद भवन, 1224 सदस्यों के बैठने की होगी व्यवस्था
पीएम नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को दोपहर एक बजे शुभ मुहूर्त में करेंगे शिलान्यास

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