दिल्ली में सियासी खींचतान की धुरी बना चांदनी चौक का हनुमान मंदिर, लग रहा नेताओं का जमघट

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चांदनी चौक में दोबारा स्थापित किए गए हनुमान मंदिर सियासत के केंद्र में है। शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हवन-पूजन व हनुमान चालीसा का पाठ किया। आप के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक चांदनी चौक के विधायक प्रह्लाद सिंह साहनी के साथ पहुंचे थे। इसके पहले मंदिर स्थापना के दिन शुक्रवार को यहां दिनभर भाजपा नेताओं का जमघट लगा था। तीनों दल के नेताओं द्वारा खुद को सबसे बड़ा हनुमान भक्त बताते हुए दूसरे राजनीतिक दल पर जमकर सियासी तीर चलाए गए।

दूसरे दिन चांदनी चौक का माहौल अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा। हनुमान भक्तों की संस्था नवयुवक बजरंगी सेवा संगठन की ओर से हनुमान चालीसा का पाठ व भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ राजनीतिक दलों के नेताओं और दूसरी जगहों से आए खरीदारों और पर्यटकों ने भी भाग लिया। रह-रहकर जय श्रीराम और बजरंग बली हनुमान के जयकारे गूंजते रहे। दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा रहा। इस दौरान भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया जा रहा था। दिल्ली पुलिस के बैरिकेड्स तो सड़क किनारे पड़े हैं और उनका तंबू भी लगा है। पर पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवान नदारद दिखे।


वैसे, अभी भी चांदनी चौक के लोग मंदिर को लेकर कौतूहल में है। लोगों को इसकी ठोस जानकारी नहीं है कि आखिरकार रातोंरात मंदिर को कैसे स्थापित कर दिया गया? हाई कोर्ट के आदेश पर तीन जनवरी को फतेहपुरी मस्जिद से लालकिला के मुख्य मार्ग के बीच कटरा धूलिया के सामने स्थित उक्त मंदिर को प्रशासन ने हटा दिया था। जब मंदिर को हटाया गया था, तब काफी दिनों तक किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए यहां दोनों की पुलिस की तैनाती थी।


मंदिर की पुन: स्थापना की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसे कोर्ट ने 17 फरवरी को खारिज कर दिया था। इसके पहले मंदिर हटाये जाने के मामले को लेकर तीनों राजनीतिक दलों में खूब आरोप-प्रत्यारोप हुए थे। दिल्ली सरकार में सत्तारूढ़ आप, उत्तरी नगर निगम में सत्तारूढ़ भाजपा पर जहां मंदिर तोड़ने का आरोप लगा रही थी, तो भाजपा के नेता आप सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे। वहीं, कांग्रेस पार्टी दोनों दलों पर मिलीभगत का आरोप लगा रही थी।

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