दिल्ली कांग्रेस में घमासान, 2 नेताओं ने शक्ति सिंह गोहिल से स्पष्ट शब्दों में कहा ‘नहीं रहना चाहते जिलाध्यक्ष’

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Big Fights In Delhi Congress: 3 मार्च को दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल करने वाली कांग्रेस एक बार फिर मुश्किल में है। कांग्रेस नेताओं और पदाधिकारियों में पार्टी की कार्यशैली के प्रति नाराजगी अब हर स्तर पर उभरने लगी है। शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस की एक बैठक में भी इसका नमूना साफ नजर आया। दो जिलाध्यक्षों ने पद छोड़ने की इच्छा जताई तो बाकी जिलाध्यक्षों ने भी पार्टी की टिकट वितरण नीति पर अंगुली उठाई। दिल्ली में संगठन की मजबूती को लेकर दिल्ली कांग्रेस प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल (Delhi Congress state in-charge Shakti Singh Gohil) ने प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, पांचों उपाध्यक्ष और 14 जिलाध्यक्षों की एक बैठक बुलाई थी। लेकिन उपाध्यक्ष जहां चार ही पहुंचे वहीं जिलाध्यक्ष 14 में से 11 आए। करीब ढाई से तीन घंटे तक चली इस बैठक में गोहिल ने प्रदेश अध्यक्ष की जिलाध्यक्ष बदलने की लंबित मांग मानने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि वे किसी को हटाना नहीं चाहते। लेकिन दो जिलाध्यक्षों ए आर जोशी और मदन खोरवाल ने खुद से पद छोड़ने की इच्छा जता दी। इसके पीछे की वजह उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी बताई। हालांकि यह सच्चाई किसी से छिपी नहीं है कि एक अजय माकन के नजदीकी रहे हैं और एक शीला दीक्षित के। दोनों ही कांग्रेस की मौजूदा हालत से खुश नहीं हैं।


प्रदेश प्रभारी के साथ पहली औपचारिक बैठक में लगभग सभी जिलाध्यक्षों ने पार्टी की कार्यशैली पर भी गहरी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि काम उनसे कराया जाता है जबकि टिकट बांटने का समय आता है तो सांसदों और विधायकों के चहेतों को टिकट दे दिया जाता है। जिला और ब्लाक अध्यक्षों की सुनी ही नहीं जाती।

शक्ति सिंह गोहिल (प्रभारी, दिल्ली कांग्रेस) का इस पूरे मामले पर कहना है कि यह सही है कि दो जिलाध्यक्ष स्वास्थ्य कारणों से पद छोडना चाहते हैं। जिलाध्यक्षों ने टिकट बंटवारे को लेकर भी शिकायत की है। सभी को मिलकर काम करने को कहा गया है। संगठन की मजबूती के लिए समयानुसार उचित निर्णय लिए जाएंगे।

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